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आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या की बजाय संस्थागत हत्या : नरेश कुमार शास्त्री

Posted by : pramod goyal on : Saturday, 11 October 2025 0 comments
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 फरीदाबाद,11 अक्टूबर। नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष एवं एसकेएस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने वरिष्ठ आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या को संस्थागत हत्या करार दिया है। उन्होंने ऐलान की की इस हत्या के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग को लेकर सभी विभागों के सफाई कर्मचारी 15 अक्टूबर को रात-भर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे और महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन उपायुक्त को सौंपेंगे। इसके बावजूद शोकाकुल परिवार को न्याय नहीं मिला तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। श्री शास्त्री ने यह ऐलान शनिवार को आदि कवि महर्षि वाल्मीकि जयंती पर फरीदाबाद नगर निगम कार्यालय के प्रांगण में आयोजित जिला स्तरीय विचार गोष्ठी में बोलते हुए किया। उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व और सनातन के नाम पर दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों पर हमले किए जा रहे हैं तथा उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उन्हें प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है। इस जातिगत दुराग्रह का ताजा उदाहरण सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने में देखने को मिला। उन्होंने कहा कि कि जब वरिष्ठ अधिकारी और न्यायाधीश ही सुरक्षित नहीं हैं तो साधारण जनता की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने सरकार से परिजनों की मांग अनुसार एफआईआर में आरोपियों के नाम लिखने और पदों से हटाकर अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की। इस गोष्ठी में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान करतार सिंह, सचिव युद्धवीर सिंह खत्री,नगर पालिका कर्मचारी संघ के डिप्टी जरनल सेकेट्री सुनील चिंडालिया, सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह बालगुहेर , जिला प्रधान दलीप बोहोत, सचिव अनिल चिंडालिया,अनूप चिंडालिया आदि नेताओं सहित विभिन्न विभागों के बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने भाग लिया। गोष्ठी में आदि कवि महर्षि बाल्मिकी के आदर्शों एवं दिखाए रास्ते को आत्मसात करने और चलने का संकल्प लिया गया।


 गोष्ठी को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की दर्दनाक मृत्यु पर गहरा क्षोभ प्रकट करते हुए परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने इसे आत्महत्या की बजाय संस्थागत हत्या करार दिया है जिसके लिए संस्थानों व समाज में निरंतर जारी जातिगत भेदभाव व उत्पीड़न जिम्मेदार है। उन्होंने आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की मृत्यु के हालात की त्वरित निष्पक्ष जांच करके सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा उनके परिवार को समुचित सुरक्षा उपलब्ध करवाने की मांग की। उन्होंने कहा की अधिकारी द्वारा लिखे गए अंतिम नोट में हालात और घटनाक्रम का जो विवरण सामने आया है, वह स्तब्ध करने वाला है तथा जातिगत पूर्वाग्रह में निहित उत्पीड़न, अपमान और भेदभाव के एक पैटर्न की ओर इशारा करता है। यह बहुत ही खेदजनक है कि जातिगत पूर्वाग्रह और उत्पीड़न को उजागर करने के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को अपनी जान की कीमत देनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि उन द्वारा सरकारी ढ़ांचे में मौजूद तत्कालीन गृहमंत्री समेत सभी स्तरों पर इस भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ लिखित शिकायतें करने के बावजूद उन्हें कहीं से भी राहत नहीं मिली। इसलिए आईपीएस अधिकारी आत्महत्या करने पर मजबूर हुआ। उन्होंने कहा कि अगर उनकी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाती तो प्रदेश के होनहार आईपीएस अधिकारी को बचाया जा सकता था।


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