हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के अंदर आने वाले सभी खनिज से लदे वाहनों पर इंटरस्टेट ट्रांजिट पास (ISTP) लगाने का फैसला लिया गया है। सरकार के इस फैसले से दूसरे राज्यों से खनिज लेकर हरियाणा की सीमा में प्रवेश करने वाले वाहनों से बड़ी मात्रा में राजस्व मिलने की उम्मीद है।
वहीं इससे प्रदेश में खनिज महंगा होने की भी संभावना है। जिस कारण भवन निर्माण व अन्य कार्य करने में लोगों को जेब ढीली करनी पड़ सकती है।
प्रदेश में खनिज से लदे वाहनों पर पहले कोई टैक्स नहीं लगाया गया था। जिसके कारण प्रदेश की सीमा से हजारों वाहन सड़कों पर दौड़ते थे। इससे प्रदेश में बनी सड़कों को नुकसान हो रहा था। वहीं दूसरे राज्यों में अन्य राज्यों से खनिज से लदे आने वाले वाहनों पर टैक्स पहले भी लगाया गया है।
इसी को देखते हुए सरकार ने 2 अगस्त से प्रदेश में आईएसटीपी लागू कर दिया। पहले यह 100 रुपए मैट्रिक टन प्रदेश की सीमा के अंदर तक खनिज लाने वाले तथा 20 रुपए मैट्रिक टन प्रदेश की सीमा से बाहर खनिज ले जाने वाले वाहनों पर लगा।
हरियाणा की सीमा का बड़ा हिस्सा राजस्थान से लगता है। इनमें महेंद्रगढ़ जिले की तीन ओर की सीमाएं राजस्थान से लगती हैं। वहीं प्रदेश के सिरसा, हिसार, भिवानी, रेवाड़ी, पलवल, गुरुग्राम, फरीदाबाद तथा मेवात जिले भी राजस्थान की सीमा से लगते हैं। जहां से खनिज ज्यादा आता है। वैसे तो उत्तर प्रदेश, पंजाब व दिल्ली का भी बड़ा हिस्सा प्रदेश की सीमा से लगता है, मगर वहां से खनिज कम आता है।
मगर, ज्यादातर वाहन संचालक इसका फायदा उठाते हुए 20 रुपए मैट्रिक टन का ही टैक्स कटवाने लग गए। जिससे सरकार को कोई ज्यादा राजस्व की प्राप्ति नहीं हुई। इस पर सरकार ने इसमें बदलाव कर 19 अगस्त से सभी प्रकार के वाहनों पर 80 रुपए मैट्रिक टन के हिसाब से टैक्स लगा दिया। जिसके बाद सरकार को राजस्व बढ़ने की उम्मीद जगी है।
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