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सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 9 जुलाई की हड़ताल में लाखों कर्मचारी व मजदूर भाग लेंगे

Posted by : pramod goyal on : Saturday, 5 July 2025 0 comments
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 फरीदाबाद,5 जुलाई।


केन्द्र एवं राज्य सरकार की जनविरोधी, मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल होगी। इस हड़ताल का आह्वान देश की दस केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों, केन्द्र एवं राज्य सरकार और पीएसयू के कर्मचारियों के सैकड़ों कर्मचारी संघों की फेडरेशनों ने संयुक्त रूप से किया है। हड़ताल को राज्य में सफल बनाने के लिए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व मजदूर संगठन सीटू हरियाणा ने पूरी ताकत झोंक दी है। शनिवार को एसकेएस व सीटू के नेताओं ने अरावली गोल्फ कोर्स, फरीदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन

किया। प्रेस कांफ्रेंस को अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री,सीआईटीयू के महासचिव जय भगवान ने संबोधित किया।

उक्त नेताओं ने दावा किया कि 9 जुलाई की हड़ताल राज्य में पूरी तरह सफल रहेगी और हड़ताल लाखों की तादाद में कर्मचारी एवं मजदूर शामिल होकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों संगठनों के नेतृत्व में पांच जत्थे 30 जून से चले हुए हैं,जो रोजाना अलग अलग जिलों में सैकड़ों मीटिंग कर रहे हैं। उक्त जत्थे सरकार की मजदूर, कर्मचारी एवं जन विरोधी नीतियों से आम जन को अवगत करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताल के प्रमुख मुद्दों में लेबर कोड्स को रद्द करना, पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली, सभी प्रकार के आउटसोर्स ठेका / कच्चे कर्मियों व आशा , आंगनवाड़ी, मिड डे मील वर्करों को नियमित करने, 26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन देने, आठवें पे कमीशन की अधिसूचना जारी करने और राज्य कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग का गठन करने, मनरेगा में 200 दिन काम ओर 800 रूपये मजदूरी तय करने, सरकारी विभागों को सिकोड़ने और पीएसयू के निजीकरण पर रोक लगाने, नेशनल एजुकेशन पालिसी को वापस लेने,18 महीने के बकाया डीए डीआर रिलीज करने, सरकारी सहायता प्राप्त कैशलैस मेडिकल सुविधा प्रदान करने, निर्माण श्रमिकों के लिए बोर्ड से सुविधाएं दिलाने, संविधान के अनुच्छेद 311 (2) ए,बी व सी को निरस्त करना आदि है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए 29 श्रम कानूनों को खत्म कर चार लेबर कोड्स बनाए हैं। ये लेबर कोड्स मजदूरों और कर्मचारियों के लिए गुलामी का दस्तावेज हैं। यह हमेशा के लिए स्थाई नौकरी और रोजगार सुरक्षा को खत्म कर देगा। कार्य दिवस 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करने का निर्णय बेहद खतरनाक है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसलिए इसका प्रतिरोध होगा और 9 जुलाई को हड़ताल ऐतिहासिक होगी ‌ संगठन नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार देश के चंद पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है। अंबानी, अडानी जैसे 5 पूंजीपतियों को देश के पब्लिक सेक्टर को सौंपा जा रहा है। उन्होंने बताया कि अपने कार्यकाल में केंद्र सरकार 17 लाख करोड़ रुपये की छूट पूंजीपतियों को दे चुकी है और कर्जे माफ कर चुकी है। जिससे आर्थिक असमानता बढ़ रही है। महंगाई, बेरोजगारी, भूखमरी चरम पर है। इसलिए इस हड़ताल में मेहनतकश जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी हड़ताल का समर्थन करते हुए इसमें हिस्स लेने का फैसला किया है।

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