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फरीदाबाद 1 जुलाई - वाईएमसीए वर्कर्स यूनियन ने 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग लेने का एलान किया। यूनियन के प्रधान लेखराज के नेतृत्व में कर्मचारियों ने आज गेट मीटिंग की। उन्होंने प्रशासन को 5 जुलाई को होने वाली बैठक और 9 जुलाई को हड़ताल करने का नोटिस भी जारी किया। आज की गेट मीटिंग को सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने संबोधित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर वर्कर्स की मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगा
या। उन्होंने कहा कि कौशल रोजगार निगम में वर्कर्स के नाम पोर्टल पर अपलोड नहीं हो रहे हैं। कर्मचारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहले से बने आधार कार्ड और परिवार पहचान पत्र होने के बावजूद भी कर्मचारियों के नाम पोर्टल पर प्रशासन नहीं चढ़ा रहा है। अब नये कार्ड बनाने का दबाव डाला जा रहा है। इसकी वजह से कर्मचारियों को पहले 3 महीने तक वेतन भी नहीं मिला था। उन्होंने कहा कि 9 जुलाई की हड़ताल पूरे देश में होगी। इसमें कर्मचारी, किसान, नौजवान, छात्र, महिलाएं, कारखानों में काम करने वाले श्रमिक और खेती बाड़ी में काम करने वाले मजदूर भी भाग ले रहे हैं। यह हड़ताल विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर इसलिए की जा रही है। क्योंकि केंद्र की सरकार पुराने श्रम कानूनों को बदलकर चार श्रम संहिताएं बना चुकी है। अब इनको लागू करने की कवायद शुरू हो गई है। इस सरकार के कार्यकाल में न्यूनतम मजदूरी में इजाफा नहीं हुआ। प्रदेश के मजदूर न्यूनतम मजदूरी 26000 रुपया संशोधित करने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा लेबर कोडर्स को रद्द करना, सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, सार्वजनिक क्षेत्र के विभागों के निजीकरण पर रोक लगाना, ठेकेदारी प्रथा बंद करना इत्यादि हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर वर्कर्स को रिटायरमेंट के बाद ग्रेजुएटी देने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि बरसों तक विश्वविद्यालय में काम करने के बाद कौशल रोजगार निगम के तहत रिटायर होने वाले कर्मियों को ना तो पेंशन मिलती है और नहीं रिटायरमेंट की दूसरी सुविधाएं मिलती हैं। वाईएमसीए विश्वविद्यालय प्रशासन यहां के कर्मचारियों के साथ सबसे बड़ा अन्याय कर रहा है।
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