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फरीदाबाद ( ) 3 जून -
किसान संघर्ष समिति नहरपार फरीदाबाद के द्वारा 4 जून को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासक महोदय के कार्यालय पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया था। लेकिन प्रशासक महोदय ने किसान संघर्ष समिति के महासचिव को पत्र लिखकर 3 जून को 12:00 बजे किसानों को मीटिंग के लिए बुला लिया। मीटिंग में प्रशासक महोदय श्री साहिल गुप्ता, संपदा अधिकारी, नायब तहसीलदार और भूमि अर्जन अधिकारी का स्टाफ था तथा किसान संघर्ष समिति की तरफ से प्रधान जगबीर सिंह, महासचिव सत्यपाल नरवत, लीलू चंदीला, अरुण त्यागी, धीरज, बाबूराम, सुभाष, गजराज, प्रकाश नरवत, भूप सिंह, धर्मपाल, राजकुमार, परमानंद, चंद्र एडवोकेट, जितेंद्र एवं अन्य किसान सम्मिलित थे। मीटिंग में किसानों के चेहरों पर गुस्सा साफ झलक रहा था। किसानों को उनका अपना पैसा कई सालों से नहीं दिया जा रहा है। अधिकारी तारीख पे तारीख दिए जा रहे हैं और आज की मीटिंग में भी प्रशासक महोदय ने मांगों को पूरा करने के लिए 15 दिन का समय मांगा है। समिति के महासचिव सत्यपाल नरवत ने बताया कि किसानों को प्रतिवर्ष मिलने वाली रॉयल्टी के कुछ पैसे (ऊंट के मुंह में जीरे के समान) कुछ किसानों के खातों में डाले हैं तथा अन्य मांगे जैसे मुआवजा, सेशन कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के मुआवजे का ब्याज, किसानों की अधिग्रहण की से बची हुई जमीन के लिए रास्ता एवं खेड़ी कलां गांव के तीन किसान मामचंद, सोहन पाल व दीपचंद को परचेज आफ पॉलिसी के तहत प्लांट के लिए 15 दिन का समय मांगा है। जिस पर किसानों ने गुस्से में कहां की आप समय भले ही 15 की दिन की बजाए 20 दिन ले लो लेकिन तारीख पर तारीख न दे। किसानों ने प्रशासक महोदय से पूछा कि जिन किसानों ने शुरू में रॉयल्टी के लिए फॉर्म नहीं भरा और उनको रॉयल्टी का लाभ नहीं मिल रहा है तो उनको रॉयल्टी कैसे मिलेगी तथा जिन किसानों के प्लाट अलॉट हो गए थे और पेमेंट ना होने के कारण डीएक्टिवेट कर दिए गए वे प्लाट एक्टिव हो सकते हैं क्या। इस पर प्रशासक महोदय ने कहा कि आप लिखकर दर्खास्त दे दें। हम मुख्यालय पंचकूला स्वीकृति के लिए भेज देंगे। समिति के प्रधान जगबीर नगर ने कहा कि हमारी मांगों को पूरा नहीं किया तो किसानों को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
श्री मान जी मै चंदर सिंह नरवत निवासी खेडी कला फरीदाबाद हरियाणा सरकार और किसान कमेटी के सामने अपनी बात रख रहा हूँ। जिन किसानों की जमीन रोड के नाम पर खरीदी यानी अधिगृहीत की थी।
ReplyDeleteकौडी के भाव कि