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मानव रचना में उभरते फिल्मकारों ने अपनी कलात्मक फिल्मों से दर्शकों का दिल जीता

Posted by : pramod goyal on : Friday, 2 May 2025 0 comments
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 फरीदाबाद, 2 मई 2025: मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज़ (MRIIRS) के मीडिया और कम्युनिकेशन स्टडीज़ विभाग द्वारा आयोजित 11वें वार्षिक छात्र


 फिल्म समारोह ‘अवलोकन 2025’ ने एक बार फिर उभरते फिल्म निर्माताओं को अपनी आवाज़ और अंदाज़ पेश करने का मंच दिया।

इस वर्ष की थीम थी “अनसुनीअनकही और गुमनाम”, और इस थीम के अंतर्गत शॉर्ट फिल्मडॉक्यूमेंट्री और रील्स की श्रेणियों में आयोजको को देश भर से करीब 100 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। इन फिल्मों में सामाजिक न्यायहाशिये के समुदायों की आवाज़ेंव्यक्तिगत यात्राएं और सांस्कृतिक विरासत जैसे विषयों को प्रभावशाली ढंग से दर्शाया गया।

शॉर्ट फिल्म श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार बेनट विश्वविद्यालय की शिवी गखेर की फिल्म ‘लेडी बर्ड’ को मिलाजिसमें बालिकाओं की शिक्षा और समान अवसरों की अहमियत को दर्शाया गया।

डॉक्यूमेंट्री श्रेणी मेंडी.वाईपाटिल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की अनन्या कट्टी की फिल्म ‘अधांतारित’ को सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री घोषित किया गया। इस फिल्म में पुणे के ऐतिहासिक भवनों की स्थिति पर रोशनी डाली गई।

रील्स श्रेणी मेंमानव रचना इंटरनेशनल स्कूल की देवांशी आहूजा और लावण्या लोगानी को उनकी प्रभावशाली कहानी कहने की शैली के लिए विजेता घोषित किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के सदस्य सचिव डॉसच्चिदानंद जोशी ने किया। उन्होंने कहा, "फिल्में समाज के अंत:करण की आवाज़ बन सकती हैं और सकारात्मक बदलाव का माध्यम बन सकती हैं।"

प्रसिद्ध अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता गुल पनागवरिष्ठ पत्रकार डेंजिल कोनेल के साथ संवाद मेंसिनेमा की संवेदनशीलता बढ़ाने की भूमिका पर बात करते हुए बोलीं, "फिल्मों में हमारे डरउम्मीदें और सोच को झकझोरने की ताकत होती है। वे बदलाव की चिंगारी जगा सकती हैं।"

मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों के उपाध्यक्ष डॉअमित भल्ला ने कहा, "अवलोकन एक ऐसा मंच है जहाँ छात्रों को नए प्रयोग करने और बेबाक अभिव्यक्ति की आज़ादी मिलती है।"

MRIIRS के कुलपति डॉसंजय श्रीवास्तव ने कहा, "हम ऐसे प्लेटफॉर्म को अकादमिक शिक्षण के विस्तार के रूप में देखते हैं। रचनात्मक अभिव्यक्ति आज के दौर में पहले से कहीं ज़्यादा प्रासंगिक है।"

यह आयोजन स्कूल ऑफ मीडिया स्टडीज़ एंड ह्यूमैनिटीज़ के अंतर्गत मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग और सेंटर फॉर मीडिया एंड कम्युनिकेशन द्वारा मिलकर आयोजित किया गया। कार्यक्रम की क्यूरेटर मानव रचना की चीफ क्रिएटिव ऑफिसर सुश्री जस्मिता ओबेरॉय थींजो रेडियो मानव रचना 107.8 एफएम की प्रमुख भी हैं।

स्कूल ऑफ़ मीडिया एंड हुमानिटीज़ की डीनडॉशिल्पी झा ने कहा, "हमारा उद्देश्य एक ऐसा मंच बनाना है जहाँ नए विचारकहानियाँ और दृष्टिकोण मिलकर अगली पीढ़ी के फिल्ममेकर्स और दर्शकों को प्रेरित करें।"

निर्णायकों की सूची में शामिल थेडॉअनुज्ञान नागअसिस्टेंट प्रोफेसर, AJK मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटरअभिनेता  पटकथा लेखक अमिताभ श्रीवास्तवफिल्मकार रुचिका नेगीसोनी इंडिया के टेक्निकल कम्युनिकेशन हेड समीऱ अशरफ

समापन सत्र के विशेष अतिथि और हमलोग के चर्चित अदाकार अभिनव चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसे फिल्म समारोह युवाओं की प्रतिभा को दिशा देने और उन्हें आत्मविश्वास देने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को नई राहें तलाशने और अपने जुनून के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

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