फरीदाबाद। आज़ादी के शहज़ादे संस्था ने शहीद करतार सिंह सराभा व रास बिहारी बोस की जंयती सैक्टर 10 कार्यालय में चेयरमैन वासुदेव अरोड़ा की अध्यक्षता में मनाई।
संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक हरीश चन्द्र आज़ाद ने आज उनकी जयंती पर नमन करते हुए कहा कि
करतार सिंह सराभा महान क्रांतिकारी थे तथा 15 साल में गदर पार्टी के सदस्य बने और मात्र 19 वर्ष की आयू में इस महान क्रांतीकारी को अंग्रेजी हुकूमत में फांसी पर चढ़ा दिया था। अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें कहा था कि वह माफी माँग लेगें तो उनकी फांसी की सजा माफ कर दी जायेगी तो इस पर माँ भारती के लाल ने कहा मैं माफी माँगकर भारत माँ का सिर नहीं झुका सकता उन्होंने कहा कि मेरे पास और जीवन भी होंगे तो उन्हें अपनी माँ भारत पर कुर्बान करना चाहूंगा।
चेयरमैन वासुदेव अरोड़ा ने कहा कि रास बिहारी बोस ब्रिटिश साम्राज्यगदर विद्रोह के प्रमुख थे, आज़ाद हिन्द फौज के सिपाही भी थे। भारत की आज़ादी के लिये इनके योगदान को कभी भूला नही जा सकता। 21 जनवरी 1945 को उनकी मृत्यु जापान में हुई थी जो आज भी एक रहस्य है। अंत में महिला चेयरमैन शीतल लूथरा ने दोनों स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया और बेटी बचाओ
अभियान के सामूहिक विवाह के कार्य टीम को बताये।
इस मौके पर वासुदेव अरोड़ा, अश्वनी कालड़ा, ऊषा खन्ना, शमा परवीन, तनूजा अरोड़ा, शीतल लूथरा, हरीश चन्द्र आज़ाद, रेखा पंवार, जसविन्द्र कौर, संतोष भारद्वाज, रमेश मक्कड़, अरविन्द बावा, अशोक भाटिया, दीपक अरोड़ा व अमित ने श्रंद्वा सुमन अर्पित किये।
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