फरीदाबाद। सेक्टर 2 में भागवत कथा के दूसरे दिन नारद अवतार का वर्णन विस्तार से बताया गया कि आखिर भगवान को नारद का अवतार क्यों लेना पड़ा।
सेक्टर -2 के 2185 फ्लोर में चल रही भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास राधिका दासी ने बड़े ही सरल तरीके से बतया कि ब्रह्मा जी के मानस पुत्र नारद जी पूर्व में दासी पुत्र नन्द के रूप में थे। बचपन से संतो के सम्पर्क में रहने के कारण उन्हें आत्म ज्ञान का बोध हुआ और उन्होंने कठोर तप किया। जिसके बाद वे भगवान विष्णु के अवतार नारद मुनि के रूप में अवतर्तित हुए। नारद जी का कार्य भक्ति का प्रचार करना था और वे क्रूर से क्रूर व्यक्ति को भी भगवान का सच्चा भक्त बना देते थे। पृथवी,आकाश से लेकर सभी लोकों में उनका स्वछंद विचरण सभी जानते है। नारद जी को भगवन विष्णु का मन भी बताया गया है। क्योंकि उनकी कही हुई बात कभी भी मिथ्या साबित नहीं होती थी। कथा व्यास राधिका दासी ने नारद जी के सभी वृतांतों को उदाहरण के साथ
समझाया।
भागवत कथा के बीच बीच में कृष्ण संकीर्तन का उपस्थित भक्तजनों ने झूम झूम कर आनंद लिया और जमकर थिरके।
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