फरीदाबाद। सूरजकुंड मेला इस बार पर्यटन विभाग और प्रसाशनिक अधिकारियों की तानाशाही और नकारात्मक रवैये के चलते फ्लॉप साबित हुआ है। इस बार सूरजकुंड मेले की न तो कहीं चर्चा है और ना ही पर्यटक मेले माँ आ रहे है। 38 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि सूरजकुंड मेला की एंट्री टिकट मेले के बीच में वहां के एडमिनिस्ट्रेशन को आधे दामों पर बेचनी पड़ रही है, क्योंकि इस बार पर्यटक ही नहीं आ रहे है। पहली बार मीडिया में भी सूरजकुंड मेले की चर्चा नही हो रही है। मेला समाप्ति की ओर है और शहर की जनता पूछ रही है कि इस बार मेला कब से कब तक है।
इस बार सूरजकुंड मेला शुरू से ही विवाद में आ गया था, जब हस्तशिल्पियों ने स्टाल आबंटन मामलें अधिकारियों की मनमानी पर सवाल उठाना शुरू कर दिया था। रही सही कसर पत्रकारों और सोशल मिडिया को मेला कवरेज न भेजकर पूरी कर दी गई। या यूं कहे कि सरकारी मेल से उनके नाम ही हटा दिए गए। जिसके कारण मेले का समुचित प्रचार नहीं हो पाया। मेले में कम पर्यटक आने का खामियाजा का यहाँ आये हस्तशिल्पियों और दूसरे स्टाल धारकों को भी उठाना पड़ा।
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