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श्रमिक विरोधी चारों श्रम संहिताओं को रद्द करने सैकड़ो मजदूरों ने ‌लघु सचिवालय परिसर में जुलूस निकाला

Posted by : pramod goyal on : Wednesday, 27 November 2024 0 comments
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 फरीदाबाद -


‌‌  श्रमिक विरोधी चारों  ‌ श्रम संहिताओं को रद्द करने, किसानों ‌ की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने ,‌महगांई पर रोक लगाने, जन सेवाओं  के ‌ निजीकरण पर रोक लगाने सहित ‌ अन्य मांगों को लेकर  केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, ‌ संयुक्त  किसान मोर्चा एवं ‌ कर्मचारी फैडरेशनों केआह्वान पर आज ‌ जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल फरीदाबाद के बैनर तले सैकड़ो मजदूरों ने ‌  ‌ लघु सचिवालय परिसर में जुलूस निकाला। इसके  बाद देश की महामहिम राष्ट्रपति महोदया के नाम 12 ‌ सूत्रीय  मांगों का ज्ञापन एसडीएम  मैडम शिखा आंतिल को सौंपा गया । पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ‌ सभी घटकों के सैकड़ो वर्कर राजस्थान भवन के सामने एकत्रित हुए। यहां पर विरोध सभा का आयोजन किया गया। इस सभा की अध्यक्षता एटक के ‌ कॉमरेड बेचू गिरी , इंटक के नेता हुकुम चंद बैनिवाल,एच एम एस के ‌कामरेड ‌ राजपाल डांगी, ‌ सीटू की ‌ नेत्री सुधा, ‌ सर्व कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उपप्रधान नरेश ‌ शास्त्री, आईसीटीयू के  ‌ कामरेड जवाहरलाल ने संयुक्त रूप से की। सभा  का संचालन ‌ कन्वीनर वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किया। इस सभा  को  ‌ रिटायर कर्मचारी संघ के प्रधान,नवल सिंह, एटक के  कामरेड बिसंबर सिंह,आई सी टी यू के ‌ कामरेड जवाहरलाल, सीटू   की ‌ कोषाध्यक्ष, सुधा, और इंटक के नेता ‌‌ श्याम बाबू ने ‌ संबोधित किया। इसके  बाद सैकड़ों ‌ मजदूर ‌ नारे लगाते हुए ‌ न्यायालय परिसर से होकर ‌ जिला मुख्यालय पर पहुंचे। सरकार की नीतियों से नाराज़ वर्करों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। गुस्साए मजदूर ‌ न्यूनतम वेतन 26000 रुपया प्रतिमाह दो,‌ ठेका प्रथा पर रोक लगाओ, ‌ न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करो, ‌ बेरोजगारों को रोजगार दो के नारे लगा रहे थे। यहां पर ‌ उपस्थित जन समुदाय को एटक के कामरेड  बेचू गिरी ने  संबोधित किया उन्होंने ‌ केंद्र सरकार कहा केंद्र  सरकार जन विरोधी काम कर रही है। देश में सांप्रदायिक  विभाजन के खिलाफ कानूनों को  सख्ती से लागू  करने की आवश्यकता है। उन्होंने महिलाओं, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और दलितों पर हो रही हिंसा पर रोक लगाने की मांग की। सभा को नहर पर किसान सभा के नेता सतपाल नरवत में भी संबोधित किया उन्होंने फसलों की खरीद  न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने,  ठेकादारी प्रथा पर रोक लगाने,  और कृषि क्षेत्र सहित सभी मजदूरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 26000 रुपये प्रति माह का न्यूनतम वेतन और 10000 रुपये प्रति माह पेंशन और सामाजिक सुरक्षा लाभ देने की मांग की। उन्होंने कहा कि

 ऋणग्रस्तता और आत्महत्याओं को समाप्त करने के लिए किसानों और खेत मजदूरों के लिए सर्वसमावेशी ऋण माफी ; किसानों और मजदूरों के लिए कम ब्याज दरों पर ऋण सुविधाएं सुनिश्चितता की मांग की। सभा को  ‌ आंगनबाड़ी की प्रधान मालवती ने  भी संबोधित किया । जिला सचिव ने सरकार से मनरेगा में ‌ कार्यरत मजदूरों को  200 दिन काम और 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी देने इसका शहरी क्षेत्रों में विस्तार करने। मनरेगा से ग्रामीण परिवारों को बाहर करने की प्रक्रिया को तुरंत वापस लेने की मांग की। उन्होंने मजदूरों की लंबित मजदूरी का भुगतान करने,
फसलों और मवेशियों के लिए एक व्यापक सर्वसमावेशी सार्वजनिक क्षेत्र बीमा योजना लागू करने  की मांग की  है। इसके  साथ-साथ फसल बीमा और सभी योजनाओं का लाभ बटाईदार किसानों के लिए भी सुनिश्चित करने।
 सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने। सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा  मुहैया करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों को ‌ राजपाल डांगी, देवेंद्री शर्मा, मिथिलेश कुमार, ‌ बैजू सिंह, लज्जा राम,‌ युद्ध वीर खत्री, ‌ यूएम खान,‌ हेमलता कमलेश, ‌ धर्मवीर वैष्णव, ‌सविता,‌ धीरेन्द्र  सिंह  ‌ आदि ने भी संबोधित किया।

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