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हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने भाजपा मेनिफेस्टो समिति के प्रमुख ओमप्रकाश धनखड़ व सदस्य विपुल गोयल को पत्र लिखकर मांग की है कि
"भाजपा के घोषणा पत्र में लिखा जाए कि शिक्षा
के व्यवसायीकरण और प्राइवेट स्कूलों की लूट व मनमानी पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी"
के व्यवसायीकरण और प्राइवेट स्कूलों की लूट व मनमानी पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी"
मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि श्री धनखड़ व श्री गोयल को याद दिलाया गया है कि अभिभावक भी एक वोट बैंक है। आज तक उसके हित में किसी भी पार्टी ने अपने घोषणा/ संकल्प पत्र में कोई भी घोषणा नहीं की है और ना किसी भी सत्तारूढ़ सरकार ने कोई कल्याणकारी योजना लागू नहीं की है। जब कि सभी जानते हैं कि प्राइवेट स्कूल संचालक सभी नियम कानूनों का उल्लंघन व शिक्षा का व्यवसायीकरण करके छात्र व अभिभावकों का जमकर आर्थिक मानसिक शोषण कर रहे हैं। गत दोनों विधानसभा चुनावों में हरियाणा के अधिकांश अभिभावकों ने भारतीय जनता पार्टी को इस उम्मीद व आशा से खुला समर्थन व वोट दिया था कि सत्तारूढ़ होने पर भाजपा सरकार शिक्षा के व्यवसायीकरण पर पूरी तरह से रोक लगाएगी और प्राइवेट स्कूलों की लूट व मनमानी से अभिभावकों को बचाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। उल्टा भाजपा के राज में शिक्षा का व्यवसायीकरण व प्राइवेट स्कूलों की लूट व मनमानी में इजाफा हुआ है। मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा व वरिष्ठ सलाहकार एडवोकेट बी एस बिरदी ने कहा है कि भाजपा सहित सभी दलों के सांसद विधायक व नेता अभिभावकों के वोटों से ही विजयी होते हैं लेकिन वे जीतने के बाद अभिभावकों की कोई मदद नहीं करते हैं। इसके विपरीत लूट व मनमानी कर रहे स्कूल संचालकों को वे खुला समर्थन व संरक्षण प्रदान करते हैं। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि वे अपने वोट की ताकत को पहचाने और उसका एहसास जनप्रतिनिधियों को कराएं। हरियाणा में आगे होने वाले चुनाव में अभिभावक जागरूक व एकजुट होकर प्राइवेट स्कूलों का साथ दे रहे नेताओं को चुनाव में सबक सिखाएं।
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