फरीदाबाद। क्या इस बार पंजाबी समाज को विधानसभा चुनाव में मिलेगा कांग्रेस से प्रतिनिधित्व ? यह एक ऐसा यक्ष प्रश्न है जिसके उत्तर का इंतजार फरीदाबाद के समस्त पंजाबी समाज को है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से पंजाबी समाज की दूरी और पार्टी से पंजाबी समाज की नाराजगी ने कांग्रेस हाईकमान को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। कांग्रेस हाईकमान आने वाले विधानसभा चुनाव में पंजाबी समाज को साथ जोड़ने के लिए इस बार उन्हें फरीदाबाद से उचित प्रतिनिधित्व देने के मामले में मंथन कर रही है। पिछले दो बार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने फरीदाबाद से पंजाबी समाज के किसी भी नेता को टिकट नहीं दिया। जबकि भाजपा ने दोनों बार पंजाबी समाज से सीमा त्रिखा को चुनावी मैदान में उतरा। जिसके कारण कांग्रेस को 2014 -19 में कांग्रेस को बड़खल विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
फरीदाबाद में एनआईटी विधानसभा सीट पंजाबी बाहुल्य होती थी। लेकिन परिसीमन के बाद राजनैतिक उदेश्य के लिए इसे बड़खल विधानसभा बना दिया गया। ऐसा दर्शया गया, जैसे यह ग्रामीण सीट है और पंजाबियो का दावा इस सीट से कोंग्रेसी नेताओ ने समाप्त करा दिया। जबकि इस सीट पर भाजपा से पंजाबी नेता चुनाव जीतते आये है है। अब बड़खल विधानसभा सीट पर फिर से पंजाबी नेताओं ने कांग्रेस से अपना वर्चस्व जताना शुरू कर दिया है। उनका मानना है कि बड़खल पंजाबी बाहुल्य सीट है और पंजाबी नेता ही यहाँ से जीत का परचम लहरा सकता है।
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