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प्रदेश की हजारों मिड डे मील वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर किया आक्रोश प्रदर्शन

Posted by : pramod goyal on : Sunday, 28 July 2024 0 comments
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 फरीदाबाद,28 जुलाई। मांगों के प्रति सरकार व शिक्षा विभाग की उदासीनता के खिलाफ हजारों मिड डे मील वर्करों ने रविवार को बीके चोक पर एकत्रित होकर आक्रोश प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में राज्य के सभी जिलों से हजारों की संख्या में मिड-डे मील वर्कर्स ने भाग लिया। मजदूर संगठन सीटू से संबंधित मिड-डे मील वर्कर्स ने शिक्षा मंत्री श्रीमती सीमा त्रिरखा के आवास का घेराव करने का ऐलान किया हुआ था। यूनियन की राज्य प्रधान सरोज दुजाना की अध्यक्षता में बीके चोक पर मिड-डे मील वर्कर्स शिक्षा मंत्री के आवास के घेराव की तैयारियां कर रही थी। तभी अचानक शिक्षा मंत्री सीमा त्रिरखा मिड डे मील वर्कर्स के बीच बीके चोक पर चल रहे आक्रोश प्रदर्शन में पहुंच गई। सीटू की राज्य प्रधान सुरेखा, मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन की महासचिव सरबती ने मंत्री के समक्ष अपनी मांगों को रखा और उन्हें मांग पत्र सौंपा। इस अवसर पर अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, सीटू के उपाध्यक्ष कामरेड सतवीर सिंह, जनवादी महिला समिति की प्रधान ऊषा सरोहा आदि मौजूद थे। शिक्षा मंत्री ने प्रदर्शनकारी मिड डे मील वर्कर्स को संबोधित करते हुए कहा कि वह वर्कर को दस की बजाय 12 महीने मानदेय देने, रिटायरमेंट पर अन्य स्कीम वर्कर की तरह मिड डे मील वर्करों को भी रिटायरमेंट बेनिफिट देने, सम्मानजनक पेंशन देने, सभी वर्कर्स को सात हजार रुपए मानदेय हर महीने मिलना सुनिश्चित करने आदि कई मांगों को जायज मानती है। उन्होंने कहा कि अगले से अगले सप्ताह में मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन व अधिकारियों की चंडीगढ़ में मीटिंग की बुलाई जाएगी और सभी जायज़ मांगों का समाधान किया जाएगा।


मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन की प्रधान सरोज व महासचिव सरबती, सीटू की राज्य प्रधान सुरेखा,उप प्रधान सतवीर सिंह अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है । लेकिन लंबे समय से वर्कर्स के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नही की है। महंगाई ने कमर तोड़कर रख दी है। जिसे लेकर वर्कर्स बेहद नाराज है। इसका खामियाजा लोकसभा चुनावों में भाजपा को भुगतना पड़ा है। यही हाल रहा तो उसका आगामी विधान सभा चुनाव में भी भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। संगठन नेताओं ने कहा कि कहा कि हरियाणा में 30000 के करीब मिड डे मील वर्कर्स हैं, जो भारी समस्याओं का सामना कर रही है।  सरकार पूरी तरह से सरकारी शिक्षा व्यवस्था को तबाह करने पर उतारू है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करते हुए राज्य में हजारों स्कूल बंद किए जा रहे हैं। हजारों मिड डे मील वर्कर्स की नौकरी छीनी जा रही है। गरीब बच्चों को भविष्य में शिक्षा से बेदखल करने के लिए चिराग योजना लाई गई है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में काम करने वाले सभी अध्यापकों व कर्मचारियों को साल के पूरे 12 महीने का वेतन मिलता है। परंतु वर्कर्स को केवल 10 महीने का ही  दिया जाता है। किसी भी प्रकार का रिटायरमेंट लाभ नहीं मिल रहा है।  इसलिए सरकार न्यूनतम वेतन 26000 रूपये लागू करे, वेतन 10 की बजाय 12 महीने दे। रिटायरमेंट की उम्र 65 साल हो व 5 लाख रिटायरमेंट लाभ मिलना चाहिए, वर्दी भत्ता 2000 रूपये तय किया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति वापस हो और स्कूल मर्ज करना बंद हो तथा हटाई गई वर्कर्स को काम पर लिया जाए। 

निम्न नेताओं ने किया संबोधित 

प्रदर्शन को मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन के नेताओं  रीना, सत्यवान, गगनदीप, संतोष, कमलेश, मूर्ति, निर्मला, शिमला, आबिद, सुनीता, आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन की प्रधान देविन्द्री शर्मा, सचिव मालवती, कोषाध्यक्ष नवल सिंह, आशा वर्कर यूनियन की राज्य सचिव सुधा,सीटू के पलवल के प्रधान रमेश चंद, पूर्व प्रधान श्रीपाल सिंह भाटी,फरीदाबाद के जिला प्रधान निरंतर पाराशर, सचिव वीरेंद्र डंगवाल, ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान देवीराम, सर्व कर्मचारी संघ के यमुनानगर के जिला प्रधान गुलशन भारद्वाज आदि ने भी संबोधित किया।

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