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फरीदाबाद,29 जुलाई। ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन ने बिजली निगम मेनेजमेंट द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद पहले से कार्यरत 91 एलडीसी को समायोजित की बजाय नई भर्ती विज्ञापित करने की कड़ी भर्त्सना की है। मेनेजमेंट के इस निर्णय से 91 एलडीसी पर छंटनी की तलवार लटक गई है। जिसको लेकर इनमें भारी बेचेनी है।
यूनियन के वरिष्ठ उपप्रधान शब्बीर अहमद गनी व उप प्रधान जितेन्द्र तेवतिया इस मुद्दे को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि दक्षिण और उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम में एलडीसी के पदो पर कार्य कर रहे 91 एलडीसी को समायोजित नही किया जा रहा है। एलडीसी पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भी रिक्त पदों के विरुद्ध उनके समायोजित करने का निर्णय दिया था। लेकिन निगम मेनेजमेंट में अब तक उनको समायोजित नही किया है। उन्होंने बताया कि अभी हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने नई भर्तियों के लिए भी आवेदन मांग लिए हैं। 91 एलडीसी कोर्ट केस के निर्णय को लेकर बिजली मंत्री व मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 2016 के 964 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। 8 जून,2019 को आयोग ने इनका रिजल्ट घोषित कर दिया था। इसके बाद कुछ अभ्यार्थियों ने रिजल्ट को लेकर माननीय हाईकोर्ट में केस दायर कर दिया । जिसके बाद 6 जनवरी 2020 को रिजल्ट में पहले चुने हुए 91 अभ्यार्थी बाहर हो गए। चयनित अभ्यार्थियों का कहना है कि ओ लेवल सर्टिफिकेट को लेकर उनको बाहर किया गया। जबकि युडीसी भर्ती में यह सर्टिफिकेट मान्य थे। इन बाहर किए अभ्यार्थियों ने भी माननीय हाईकोर्ट में केस दायर कर दिया था। जिस पर 29 मई 2024 को कोर्ट ने निर्णय दिया कि 964 पदों मे से खाली रही पदों पर इन 91 अभ्यार्थियों को समायोजित किया जाए। लेकिन अब तक उनको समायोजित नही किया गया है और बिजली निगम में समायोजित होने वाले 91 एलडीसी में से केवल 47 एलडीसी ही अब समायोजित करने है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने सीईटी के माध्यम से एलडीसी पदों को भरने के लिए विज्ञापन भी जारी कर दिए हैं।
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