फरीदाबाद। हरियाणा में लोकसभा की पांच सीटों पर कांग्रेस की पराजय,पार्टी का जिला व ब्लॉक स्तर पर संघठन का न होना और भीतरघात मुख्य कारण बना। अगर विधानसभा चुनावों से पूर्व कांग्रेस ने पार्टी संघठन को मजबूत नहीं किया और जिला व ब्लॉक स्तर पार्टी का विस्तार नहीं किया तो कांग्रेस उम्मीदवारों को आने वाले चुनावों परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि पार्टी संघठन से जुड़े कार्यकर्त्ता ही चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
लोकसभा चुनावों में भाजपा प्रतियाशियो के खिलाफ लोगों की नाराजगी होने के बावजूद भाजपा हरियाणा में पांच सीट जीतने में कामयाब रही है। जिसका सबसे बड़ा कारण जिला से लेकर पन्ना प्रमुख तक भाजपा संघठन का मजबूत होना है। जबकि कांग्रेस उम्मीदवारों को प्रचार से लेकर बूथ प्रबंधन तक विधानसभा चुनाव के दावेदार नेताओ और उनके निजी समर्थकों पर निर्भर रहना पड़ा। ऊपर से कांग्रेस की भीतरी घात भी कांग्रेस उम्मीदवारों पर भारी पड़ी।
कांग्रेस नेता सुरेंद्र अरोरा का कहना है कि पंजाबी समाज की अनदेखी भी कांग्रेस के लिए उलटी पड़ी है। कांग्रेस पंजाबी समाज को संघठन और विधानसभा चुनावों में उचित प्रतिनिधितत्व देती है तो आने वाले चुनाव परिणाम अलग ही नजर आयेंगे।
सब से बड़ी बात यह है कि हमारे वोटर अंध भक्त हो चुके हैं इस लिए थोड़ा बहुत से ऐसे काम करे ताकि अंध विश्वास खत्म हो
ReplyDelete