//# Adsense Code Here #//
फरीदाबाद, 16 जून - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के गणित विभाग द्वारा राष्ट्रीय गणित केंद्र (एनसीएम) के सहयोग से कॉन्टिनम मैकेनिक्स के सिद्धांतों पर शिक्षकों के लिए दो सप्ताह की अनुदेशात्मक स्कूल (आईएसटी) कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य देश में पीएचडी छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों को मुख्य विषयों में उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करके गणितीय शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना था।
आईआईटी आईएसएम धनबाद, एनआईटी दिल्ली, एनआईटी हमीरपुर, दिल्ली विश्वविद्यालय, जे.सी. बोस विश्वविद्यालय, फरीदाबाद, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़, जीजेयूएसटी हिसार, वीआईटी वेल्लोर, जेपी विश्वविद्यालय नोएडा और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय मोहाली सहित प्रतिष्ठित संस्थानों के 26 प्रतिभागियों ने कार्यशाला का लाभ उठाया।
आईआईटी कानपुर, आईआईटी रोपड़, आईआईटी इंदौर, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़, जादवपुर विश्वविद्यालय कोलकाता और जीएनडीयू अमृतसर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रख्यात गणितज्ञों ने कॉन्टिनम मैकेनिक्स में महत्वपूर्ण विषयों को कवर करते हुए 36 व्याख्यान और 12 ट्यूटोरियल दिए।
समापन सत्र की शुरुआत विश्वविद्यालय कुलगीत से हुई, जिसके बाद गणित विभाग के सहायक प्रोफेसर एवं कार्यशाला संयोजक डॉ. सूरज गोयल ने अतिथि वक्ताओं का स्वागत किया। कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर, मुख्य अतिथि, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली के सेवानिवृत्त प्रोफेसर प्रो. खलील अहमद और विशिष्ट अतिथि, एमडीयू रोहतक की सेवानिवृत्त प्रोफेसर प्रो. रेणु चुघ ने समापन सत्र की शोभा बढ़ाई।
सत्र को जीएनडीयू अमृतसर के डॉ. जितेन्द्र सिंह, आईआईटी इंदौर के डॉ. शांतनु मन्ना, डॉ. जय भगवान और डॉ. मंजीत कुमार ने संबोधित किया और अपने विचार साझा किए, जबकि प्रो. नीतू गुप्ता ने कार्यशाला पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की। सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की और आयोजन टीम को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।
कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने प्रतिभागियों को प्रेरित किया, जबकि प्रो. खलील अहमद ने विभिन्न क्षेत्रों में गणित के अनुप्रयोगों पर जोर दिया। प्रो. रेणु चुघ ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए गणित विभाग की प्रशंसा की और टीम को भविष्य के प्रयासों के लिए अपना उत्साह बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का समापन डॉ. सूरज गोयल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
No comments :