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इस समय लोकसभा चुनाव का प्रचार जोरों पर है, सभी राजनीतिक दल के प्रत्याशी अपने भाषणों में उनकी पार्टी ने क्या किया? और आगे क्या करेंगे? इसके बारे में बता रहे हैं अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव व प्रमुख समाजसेवी कैलाश शर्मा ने कहा है कि
कोई भी प्रत्याशी यह नहीं बता रहा है कि उनकी पार्टी ने महंगी हो रही शिक्षा और चिकित्सा सुविधा पर अंकुश लगाने के लिए क्या कार्य किया और आगे क्या कार्य करेंगे। एक और सरकारी स्कूलों की दशा खराब है तो दूसरी ओर प्राइवेट कॉलेज व स्कूल शिक्षा का व्यवसायीकरण करके शिक्षा को महंगी कर रहे हैं, प्राइवेट अस्पताल अपनी मर्जी से बनाए गए रेटों में महंगा इलाज कर रहे हैं, दोनों पर सरकार का कोई अंकुश नहीं है। कैलाश शर्मा ने कहा है कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा दो सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं जो किसी देश की समग्र वृद्धि और विकास को निर्धारित करते हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही मूलभूत जरूरतें हैं लेकिन दुर्भाग्य यह है कि दोनों ही महंगी हो गयी हैं। इस महत्वपूर्ण विषय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने श्री आत्ममनोहर जैन चैरिटेबल ट्रस्ट करनाल की ओर से बनाए गए श्री आत्ममनोहर जैन बहुविशेषीय अस्पताल का लोकार्पण करते समय कहा था कि शिक्षा-चिकित्सा सेवा की बजाय व्यावसायीकरण से महंगी हो गई है। श्री भागवत ने सेवा और धर्म को परिभाषित करते हुए कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही हर व्यक्ति की मूलभूत जरूरतें हैं, दोनों ही महंगी और दुर्लभ हो रही हैं। इसका एक कारण तो जनसंख्या के आधार पर उपलब्धता की कमी, दूसरा कर्तव्य और सेवा के स्थान पर व्यावसायिक होना है। इसके लिए समाज को आगे आना होगा। मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा व वरिष्ठ सलाहकार एडवोकेट बीएस बीरदी ने अभिभावकों से कहा है कि जब प्रत्याशी वोट मांगने आयें तो वे उनसे यह जरूर पूछें कि उनकी पार्टी ने और उन्होंने सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने व शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगाने के लिए क्या कार्य किया है और आगे क्या कार्य करेंगे ?
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