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बिजली कर्मचारी 16 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 6 February 2024 0 comments
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 फरीदाबाद,6 फरवरी। पुरानी पेंशन बहाली, कौशल निगम को भंग करने, ठेका कर्मियों को नियमित करने, निजीकरण पर रोक, बिजली अमेंडमेंट बिल की वापसी,पे कमीशन का गठन,18 महीने के बकाया डीए डीआर का भुगतान आदि मांगों को लेकर बिजली कर्मचारी 16 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। यह फैसला मंगलवार को ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन की संपन्न हुई सर्कल कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्य


क्षता सर्कल सचिव रामचरण ने की। सर्कल सचिव कृष्ण कुमार कालीरमन द्वारा संचालित इस मीटिंग में इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) व एएचपीसी वर्कर यूनियन के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी,सीसी सदस्य डालचंद,विनोद, यूनिट कमेटी के पदाधिकारी करतार सिंह, दिनेश शर्मा,देवेन्द्र त्यागी, रामकेश साहरण, धर्मेंद्र तेवतिया,भूप सिंह, सुरेन्द्र शर्मा,सुभोद कुमार, सुरेन्द्र खटकड़ आदि मौजूद थे। बैठक में बिजली अमेंडमेंट बिल व स्मार्ट प्रीपेड मीटर के आम उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर 13 फरवरी को सेमीनार का आयोजन करने का फैसला लिया। हड़ताल की तैयारियों को लेकर सभी सब डिवीजन, शिकायत केन्द्रों,सब स्टेशन, डिवीजन व सर्कल में कार्यरत कर्मियों से संपर्क करने के लिए जन संपर्क अभियान चलाने का फैसला लिया गया। इसके लिए 8-9 फरवरी को चारों यूनिटों में कार्यकारिणी की मीटिंग करने का फैसला लिया गया।

सर्कल कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी ने कहा कि सरकार व निगम मेनेजमेंट कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि बिजली मंत्री के साथ हुए समझौते को भी लागू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ठेका कर्मियों को रेगुलर करने की बजाय हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पंजीकृत कर रेगुलराइजेशन के रास्ते को ही बंद कर दिया है। ईईएफआई के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि बिजली अमेंडमेंट बिल पास हुए बिना ही निजीकरण की मुहिम को तेज कर दिया गया है। ठीक चल रहे मीटर को बदलकर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली व आठवें पे कमीशन के गठन से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार पूंजीपतियों को लाखों करोड़ रुपए की राहतें दी जा रही है और दूसरी तरफ आम आदमी के खाने पीने की चीजों पर भी जीएसटी लगा दिया गया है। महंगाई, बेरोजगारी व भूखमरी लगातार बढ़ रही है।  उन्होंने कहा कि देश की दस केन्द्रीय ट्रेड यूनियन एवं कर्मचारी संघों की फेडरेशन के आह्वान पर 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल होने जा रही है और संयुक्त किसान मोर्चा ने ग्रामीण भारत बंद करने का फैसला लिया है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों से हड़ताल को सफल बनाने आह्वान किया।

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