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फरीदाबाद,27 जून।
सालों से खाली पड़े हजारों पदों को भरने की बजाय पांच सब डिवीजन को निजी हाथों में सौंपने से गुस्साए बिजली कर्मचारियों ने मंगलवार को एसई आफिस पर ज़ोरदार आक्रोश प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में फरीदाबाद सर्कल की सभी सब डिवीजन से हजारों की संख्या में कर्मचारियों ने भाग लिया। प्रदर्शन में निगम मेनेजमेंट को अल्टीमेटम दिया गया की अगर शीध्र खाली पदों को भरने व निजीकरण के फैसले को वापस लेने पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो 4 अगस्त को चीफ इंजीनियर कार्यलय गुरूग्राम में जोन स्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा। कर्मचारियों के आक्रमक तेवरों से लगता है कि निगम मेनेजमेंट के लिए पांच सब डिवीजन को निजी हाथों में सौंपने की राह आसान नहीं होगी। प्रदर्शन में ओल्ड फरीदाबाद के कार्यकारी अभियंता जितेन्द्र ढुल पर कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करने, कर्मचारियों को डराने-धमकाने, तानाशाही दिखाते हुए निर्दोष पांच ठेका कर्मियों को नौकरी से निकलने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ आंदोलन छेड़ने का फैसला लिया गया। सर्कल सचिव कृष्ण कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस प्रदर्शन में इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) व ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, डिप्टी जरनल सेकेट्री जितेन्द्र तेवतिया,सीसी सदस्य विनोद, मनोज जाखड़ व सर्कल सचिव रामचरण आदि मौजूद रहे। बल्लभगढ़ के कर्मचारी यूनिट सचिव धर्मेंद्र तेवतिया,सह सचिव वेद प्रकाश व ओल्ड के कर्मचारी प्रधान करतार सिंह व सचिव देवेंद्र त्यागी, ग्रेटर यूनिट के कर्मचारी प्रधान दिनेश शर्मा और एनआईटी फरीदाबाद के कर्मचारी यूनिट प्रधान भूपसिंह व सचिव गिरीश राजपूत के नेतृत्व में निगम मेनेजमेंट के फैसले के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शन में पूर्व उप प्रधान सतपाल नरवत, पूर्व सर्कल सचिव लज्जा राम, अशोक कुमार, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के प्रधान नवल सिंह , एस एस बांगा, सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान गुरचरण सिंह खाडिया, एसकेएस के नेता युद्धवीर सिंह खत्री, बलबीर सिंह बाल गुहेर,भीम सिंह,राजबेल देसवाल, मुकेश बेनीवाल, बीरेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए ईईएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि निगम मेनेजमेंट सालों से खाली पड़े हजारों पदों को पक्की भर्ती से भर बेरोजगारों को रोजगार व उपभोक्ताओं को संतोषजनक सेवाएं का काम जानबूझकर नहीं कर रही है। ताकि सब डिवीजनों के आपरेशन एंड मेंटीनेंस के काम को निजी हाथों में सौंप कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएं। उन्होंने कहा कि मीटर रीडिंग,बिल बनाने,नई लाइनें खिंचने, कनेक्शन देने,केश कलेक्शन, मीटर बदलने आदि सभी कार्य निजी हाथों में जा चुके हैं। अब निगम मेनेजमेंट आपरेशन एंड मेंटीनेंस के मुख्य काम को निजी हाथों में सौंपने जा रही है। इसके बाद सब डिवीजन में कार्यरत ठेका कर्मियों की छंटनी होगी और रेगुलर कर्मचारियों को वहां से दूसरी सब डिवीजन में पोस्ट किया जाएगा। प्राईवेट कंपनी के अनट्रेंड कर्मचारी इस काम को संभाल नहीं पाएंगे, क्योंकि उनके पास चालू लाइनों पर काम करने का कोई अनुभव नहीं होगा। इसके उपभोक्ताओं को भारी परेशानी होगी और अनट्रेंड कर्मचारियों एक्सीडेंट बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों एवं उपभोक्ताओं ने ऐसी कोई मांग नहीं की। उन्होंने कहा कि निगम मेनेजमेंट अब पुराने लगे ठीक मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर लगा रही हैं और उनको प्रीपेड कर रही है। जिससे किसानों व गरीब कंज्यूमर की परेशानियां बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिजली वितरण प्रणाली को निजी हाथों में सौंपने के आगामी मानसून सत्र में बिजली संशोधन बिल 2022 को पास करवाने पर आमादा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पत्र लिखने के बावजूद संसद की स्थाई समिति ने बिजली कर्मचारियों एवं इंजीनियर के प्रतिनिधियों से बिल पर बातचीत तक नहीं की है। उन्होंने कहा कि देशभर के बिजली कर्मचारी एवं अभियंता बिजली संशोधन बिल का विरोध करेंगे। क्योंकि बिल पास होने से घाटे का राष्ट्रीयकरण और मुनाफे का निजीकरण होगा और क्रास सब्सिडी समाप्त होने पर बिजली की दरों में बढ़ोतरी होगी और बिजली किसान व गरीब की पहुंच से बाहर हो जाएगी।कर्मचारियों पर भी छंटनी की तलवार लटक जाएगी।
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