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फरीदाबाद,1 जून। केन्द्रीय ट्रेड यूनियन व संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बृहस्पतिवार को यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी और महिला पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए गए झुठे मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर कर्मचारियों एवं मजदूरों ने डीसी आफिस पर आक्रोश प्रदर्शन किया। संयुक्त ट्रेड यूनियन कौंसिल फरीदाबाद के बेनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा, कोषाध्यक्ष रहे श्रीपाल सिंह भाटी, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, सचि
व युद्धवीर सिंह खत्री,सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर व महासचिव वीरेंद्र डंगवाल, इंटक से हुकमचंद बैनीवाल,एटक के प्रधान बिशंम्बर सिंह व वैजू सिंह, एचएमएस से आरडी यादव, आईसीटीयू से जवाहर सिंह, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से एस एस बांग्गा व लज्जा राम आदि नेता मौजूद थे। प्रदर्शनकारी कर्मचारी राजस्थान भवन के सामने एकत्रित हुए और वहां एक सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान करतार सिंह, सीटू के प्रधान निरंतर पाराशर, एटक के प्रधान कामरेड बिशंम्बर सिंह व इंटक के प्रधान हुकम चन्द बैनीवाल,एचएमएस के रणधीर सिंह, आईसीटीयू के पूरन लाल ने संयुक्त रूप से की। सभा समाप्ति पर वहां से जूलूस की शक्ल में बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करो !, पहलवानों के खिलाफ दर्ज झुठे मुकदमे वापस लो ! पहलवान बेटियों को न्याय दो ! आदि नारे लगाते हुए डीसी आफिस पर पहुंचे और वहां केन्द्र एवं राज्य सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सीटीएम अमित मान को सौंपा गया।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, सीटू के प्रधान निरंतर पाराशर, महासचिव वीरेंद्र डंगवाल, एचएमएस के प्रधान आरडी यादव,एटक के प्रधान बिशंम्बर सिंह आदि नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद को बचाने में जुटी हुई है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद हई एफआईआर के बाद उन्हें गिरफ्तार करने की बजाय जांच के नाम पर मामले को लटकाया जा रहा है। जिससे पहलवानों व जनता में आक्रोश बढ़ रहा है। इसी वजह से यौन उत्पीडन का आरोपी महिला पहलवानों के खिलाफ आए दिन अनर्गल,घोर निंदनीय एवं शर्मनाक बयान बाजी कर रहा है। जिसको प्रधानमंत्री तक रोक नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिला पहलवानों को यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद के खिलाफ जब पुलिस ने एफआईआर दर्ज नही की तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय जाना पड़ा। लेकिन 28 मई को जंतर-मंतर से नए संसद भवन के सामने होने वाली महिला सम्मान महापंचायत के लिए जा रही ओलंपियन पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने क्रुरता से घसीटते हुए जबरन गिरफ्तार किया गया और कुछ घंटे बाद कई संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए। उन्होंने कहा इससे हताश व निराश होकर गोल्ड मेडलिस्ट पहलवानों ने अपने मेडल हरिद्वार में गंगा में विसर्जित करने जैसा कठोर फैसला लेने पर मजबूर होना पड़ा। लेकिन सरकार के किसी भी मंत्री ने ऐसा न करने के लिए ट्विट तक नहीं किया। बात करना तो दूर की बात है। उन्होंने कहा कि जैसे हरियाणा सरकार यौन उत्पीडन के आरोपी अपने खेल मंत्री को बचा रही है वैसे ही केन्द्र सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपी को बचा रही है। लेकिन देश सब कुछ देख रहा है।
प्रदर्शन में अन्य के अलावा कर्मचारी एवं मजदूर नेता कृष्ण कुमार कालीरमण, जगदीश चन्द्र, राजकुमार,राजबेल देसवाल, रविन्द्र नागर, बलबीर सिंह बाल गुहेर, दलीप बोहोत, रामकेश कल्लू राम, अनूप चिंडालिया, आशा वर्कर यूनियन की प्रधान हेमलता,मिड डे मील से कमलेश आदि मौजूद थे।
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