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क्राइम ब्रांच 48 की टीम ने मैनेजर सहित तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 16 March 2022 0 comments
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 फरीदाबाद:* पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा के दिशा निर्देश के तहत कार्य करते हुए क्राइम ब्रांच सेक्टर 48 प्रभारी राकेश कुमार की टीम ने धोखाधड़ी के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज के आरोपी मैनेजर गोपाल दत्त, रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव सत्यभान तथा ग्राहक सेवा कार्यकारी महिला निशा का नाम शामिल है। आरोपी गोपाल फरीदाबाद के सुन पेड़ आरोपी सत्यभान मथुरा के कोसी तथा आरोपित महिला निशा पलवल के मरोली गां

व की रहने वाली है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाना एनआईटी में धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज के एरिया मैनेजर उमाशंकर ने दिनांक 27 जनवरी को दी अपनी शिकायत में बताया कि उनकी कंपनी गोल्ड के बदले गोल्ड लोन प्रदान करती है। फरीदाबाद एनआईटी में 1/2 के चौक के पास उनके बैंक की एक शाखा है। उन्होंने बताया कि कंपनी के मैनेजर गोपाल दत्त ने सितंबर 2021 में शाखा प्रभारी के तौर पर अपना पदभार संभाला था वहीं रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव सत्यभान अगस्त 2020 से इस कंपनी में काम कर रहा था तथा आरोपी महिला निशा ग्राहक सेवा कार्यकारी के तौर पर जून 2021 को कंपनी में शामिल हुई थी। 

आरोपी मैनेजर ने अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर ग्राहकों द्वारा बैंक में गिरवी रखे गए सोने को बदलकर उसकी जगह उतने ही वजन का नकली सोना रखकर बैंक के साथ धोखाधड़ी की है। आरोपियों ने अब तक 17 लाख की कीमत के 362.36 ग्राम (36 तोला) सोने को बदलकर उसकी जगह उतने ही वजन का नकली सोना रख दिया था। जनवरी 2022 में दो-तीन ग्राहक जब अपना  गिरवी रखा हुआ सोना वापस लेने आए तो उन्होंने बताया कि जो सोना उन्होंने गिरवी रखा था यह वह सोना नहीं है जो उन्होंने बैंक में जमा करवाया था। बैंक के एरिया मैनेजर उमाशंकर को जब इसके बारे में सूचना प्राप्त हुई तो उन्होंने उच्च अधिकारियों को सूचित करके बैंक का ऑडिट करवाया जिसके पश्चात सोने के करीब 33 पैकेट में से सोने का फेरबदल पाया गया। बैंक की तरफ से प्राप्त शिकायत के आधार पर आरोपित बैंक अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी षड्यंत्र चोरी विश्वास का उल्लंघन की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच की गई। 

जांच के दौरान जब बैंक के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया तो उसमें आरोपी बैंक अधिकारियों द्वारा सोने की हेराफेरी करनी पाई गई। बैंक द्वारा जांच के दौरान तीनों बैंक अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया था। क्राइम ब्रांच द्वारा दिनांक 10 मार्च 2022 को इस मामले में सबसे पहले ग्राहक सेवा कार्यकारी आरोपित निशा को जांच में शामिल किया जिसने बैंक के साथ की गई धोखाधड़ी की वारदात के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसमें उसने अपने साथियों के साथ मिलकर योजना के तहत धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया था। आरोपित महिला को अदालत में पेश करके 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह सोने के नकली आभूषण खरीदकर लाते थे और असली सोना बैंक से निकाल कर उसके वजन के अनुसार ही उसकी जगह सोने के नकली आभूषण को रख दिया जाता था। आरोपित महिला के कब्जे से 67.02 ग्राम वजन के दो सोने के 2 कड़े तथा 4 चेन बरामद की गई। इसके पश्चात मामले में शामिल आरोपी मैनेजर तथा रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव को दिनांक 13 मार्च को गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की गई। आरोपी मैनेजर ने बताया कि उसने धोखाधड़ी से चुराए गए सोने को औने पौने दामों में राह चलते लोगों को बेच दिया था। उसके पास सोने की 3 चैन बची थी जिसमे से उसने सोने की क्रमश: 30 तथा 6.5 ग्राम की दो चेन को पिघलवाकर दो गिन्नी (बिस्किट) बनवा लिए थे। आरोपी मैनेजर के कब्जे से सोने की उक्त 2 गिन्नी, एक बची हुई चेन, वारदात में उपयोग वजन कांटा तथा 18 हजार रूपए नकद बरामद किए गए। 

आरोपी सत्यभान से की गई पूछताछ में उसने बताया कि उसका धोखाधड़ी में कोई हिस्सा नहीं था। उसे तो केवल चुप रहने के लिए समय-समय पर पैसे दिए जाते थे। आरोपी मैनेजर ने सत्यभान को अलग-अलग समय पर 80 हजार रूपए दिए थे जिसमें से 5 हज़ार रुपए बरामद किए गए हैं तथा बाकी के पैसे उसने खर्च कर दिए थे। इस प्रकार तीनों आरोपियों के कब्जे से धोखाधड़ी से गायब किए गए 362.36 ग्राम सोने में से 110.54 ग्राम सोने के आभूषण, वजन काटा तथा 23 हजार रूपए नगद बरामद किए गए हैं। आरोपित महिला निशा को पहले ही जेल भेजा जा चुका है वही आरोपी गोपाल तथा सत्यभान को कल अदालत में दोबारा पेश करके जेल भेजा जाएगा।

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