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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा है कि सीबीएसई के स्कूलों में ट्यूशन फीस व फंडस तय करने तथा टीचरों व कर्मचारियों को सही तनख्वाह दिलाने की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। सीबीएसई की भूमिका परीक्षा कराने हेतु कक्षा दसवीं और बारहवीं की संबद्धता प्रदान करने तक की है। सीबीएसई के जन सूचना अधिकारी ने यह जानकारी हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी
पर प्रदान की है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि सीबीएसई के स्कूल संचालक हर बार यही कहते हैं कि वे सीबीएसई से मान्य
ता प्राप्त स्कूल हैं अतः उनके ऊपर हरियाणा सरकार के बनाए गए कोई भी नियम लागू नहीं होते हैं और स्कूल प्रबंधक उनको मानने के लिए बाध्य नहीं है। मंच का कहना है कि इस जानकारी के बाद सीबीएसई के प्राइवेट स्कूल संचालकों को यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि हरियाणा की धरती पर सीबीएसई के जितने भी स्कूल चल रहे हैं उन पर सीबीएसई के बनाए गए नियम कानून के साथ साथ हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 के सभी नियम कानून लागू होते हैं इसमें प्रत्येक शिक्षा सत्र में बढ़ाई जाने वाली ट्यूशन व अपनी मर्जी से बनाए गए गैरकानूनी फंड तथा अपने टीचर व कर्मचारियों को निर्धारित वेतन मान देने का मामला भी शामिल है। ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस विरदी जी ने कहा है कि स्कूलों को सीबीएसई की संबद्धता/ मान्यता तभी मिलती है जब शिक्षा विभाग उनको एनओसी प्रदान करता है और एनओसी तभी दी जाती है जब स्कूल संचालक यह एफिडेविट देता है कि वह हरियाणा सरकार द्वारा बनाये गए सभी नियम कानूनों का पालन करेगा। ऐसा न होने पर राज्य सरकार को अधिकार होगा कि वह एनओसी वापस ले सकता है। कैलाश शर्मा ने बताया है कि कोरोना काल में फरीदाबाद के 12 स्कूल ग्रैंड कोलंबस, एपीजे, एमडीपीएस, अरावली इंटरनेशनल, एमवीन17 व अरावली हिल्स, मॉडर्न 17, डीएवी, सेंट एंथोनी, अग्रवाल 3, गीता बाल निकेतन, मानव रचना द्वारा अभिभावकों से वसूली जा रही मनमानी फीस व अपने अध्यापकों को दी जा रही कम तनख्वाह के बारे सूचना व जानकारी मांगी /थी। 4 पॉइंट में मांगी गई
ता प्राप्त स्कूल हैं अतः उनके ऊपर हरियाणा सरकार के बनाए गए कोई भी नियम लागू नहीं होते हैं और स्कूल प्रबंधक उनको मानने के लिए बाध्य नहीं है। मंच का कहना है कि इस जानकारी के बाद सीबीएसई के प्राइवेट स्कूल संचालकों को यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि हरियाणा की धरती पर सीबीएसई के जितने भी स्कूल चल रहे हैं उन पर सीबीएसई के बनाए गए नियम कानून के साथ साथ हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 के सभी नियम कानून लागू होते हैं इसमें प्रत्येक शिक्षा सत्र में बढ़ाई जाने वाली ट्यूशन व अपनी मर्जी से बनाए गए गैरकानूनी फंड तथा अपने टीचर व कर्मचारियों को निर्धारित वेतन मान देने का मामला भी शामिल है। ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस विरदी जी ने कहा है कि स्कूलों को सीबीएसई की संबद्धता/ मान्यता तभी मिलती है जब शिक्षा विभाग उनको एनओसी प्रदान करता है और एनओसी तभी दी जाती है जब स्कूल संचालक यह एफिडेविट देता है कि वह हरियाणा सरकार द्वारा बनाये गए सभी नियम कानूनों का पालन करेगा। ऐसा न होने पर राज्य सरकार को अधिकार होगा कि वह एनओसी वापस ले सकता है। कैलाश शर्मा ने बताया है कि कोरोना काल में फरीदाबाद के 12 स्कूल ग्रैंड कोलंबस, एपीजे, एमडीपीएस, अरावली इंटरनेशनल, एमवीन17 व अरावली हिल्स, मॉडर्न 17, डीएवी, सेंट एंथोनी, अग्रवाल 3, गीता बाल निकेतन, मानव रचना द्वारा अभिभावकों से वसूली जा रही मनमानी फीस व अपने अध्यापकों को दी जा रही कम तनख्वाह के बारे सूचना व जानकारी मांगी /थी। 4 पॉइंट में मांगी गई
सूचना व जानकारी का निर्धारित अवधि में जवाब ना देने पर केंद्रीय सूचना आयोग सीआईसी नई दिल्ली में द्वितीय अपील दायर की गई जिसकी प्रथम हियरिंग 22 मार्च को होनी है उससे पहले सीबीएसई ने यह जवाब दिया है जो अभी भी अधूरा है जिसके बारे में
सीआईसी को जानकारी दी जाएगी।
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