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राष्ट्रीय महिला दिवस - कविता पाठ और ड्रामा द्वारा स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू जयंती मनाई

Posted by : pramod goyal on : Monday 14 February 2022 0 comments
pramod goyal
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 शिक्षा विभाग के आदेशानुसार 




एन आई टी तीन फरीदाबाद स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय महिला दिवस पर भारत कोकिला सरोजिनी नायडू को नमन करते हुए कविता पाठ और ड्रामा द्वारा उन के द्वारा स्वतंत्रता के लिए किए गए उल्लेखनीय योगदान को स्मरण किया। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि भारत में 13 फरवरी राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी व कवयित्री सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था। उन्हें अपनी कविताओं के कारण भारत कोकिला के रूप में भी जाना जाता है। सरोजिनी नायडू ने देश की स्वतंत्रता के लिए भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।उन्होंने 12 वर्ष की छोटी सी आयु में ही कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी। वे न  एक स्वतंत्रता सेनानी थीं अपितु उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए भी बहुत संघर्ष किया था। उन्हें भारत की पहली महिला राजयपाल होने का भी गौरव प्राप्त है। वे शिक्षा प्राप्त करने के दौरान ही राष्ट्रीय आंदोलन में सम्मिलित हो गईं। प्राचार्य मनचंदा ने बताया कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू सहित सभी बड़े नेता उनकी नेतृत्व क्षमता के प्रशंसक थे और उनका सम्मान करते थे। हैदराबाद के शासक ने सरोजिनी नायडू को स्कॉलरशिप पर इंग्लैंड भेजा था। सरोजिनी नायडू को पहले लंदन के किंग्स कॉलेज और बाद में कैम्ब्रिज के गिरटन कॉलेज में पढ़ने का अवसर मिला। पढ़ाई के साथ-साथ सरोजिनी नायडू कविताएं भी लिखती थीं। गोल्डन थ्रैशोल्ड उनका पहला कविता संग्रह था। 1898 में सरोजनी का विवाह डॉ. गोविन्द राजालु नायडू से हुआ था।सरोजिनी नायडू 1925 में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष बनीं। सरोजिनी नायडू को 1928 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में प्लेग महामारी के दौरान अपने कार्यों के लिए कैसर-ए-हिंद से सम्मानित किया गया था। नायडू अपने साहित्यिक योगदान के लिए विश्व में प्रसिद्ध हैं। उनकी कुछ कविताओं को स्कूल के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है। उनकी साहित्यिक कृतियों में गोल्डन थ्रेशोल्ड, द बर्ड ऑफ टाइम सॉन्ग ऑफ लाइफ, डेथ, एंड द स्प्रिंग, द ब्रोकन विंग सॉन्ग्स ऑफ लव, डेथ एंड द स्प्रिंग, द गिफ्ट ऑफ इंडिया, एंबेसडर ऑफ यूनिटी , द सेप्ट्रेड फ्लूट सांग्स ऑफ इंडिया, किताबीस्तान, द इंडियन वीवर्स आदि सम्मिलित हैं।प्रियांशी, निशू, छवि, अर्चना, खुशबू, प्रियांशी इन सभी छात्राओं ने सरोजनी नायडू के जीवन परिचय उनकी कविताओं पर स्क्रिप्ट ड्रामा प्रस्तुत किया। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने  जसनीत कौर, कविता सहित सभी अध्यापकों और छात्राओं की सराहना करते हुए कहा कि हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों से देश के लिए समर्पित भाव से कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।

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