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कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी जिला कमेटी फरीदाबाद ने जलाई केंद्रीय बजट की प्रतियां

Posted by : pramod goyal on : Friday 4 February 2022 0 comments
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 फरीदाबाद 4 फरवरी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी जिला कमेटी फरीदाबाद ने जलाई केंद्रीय बजट की प्रतियां। आज शुक्रवार को माकपा जिला कमेटी फरीदाबाद ने जन विरोधी बजट के खिलाफ राजस्थान भवन से लघु सचिवालय तक जुलूस निकाला। उपायुक्त कार्यालय के बाहर एक फरवरी को सरकार द्वारा लोक सभा में पारित जन विरोध बजट की प्रतियां जलाई। प्रदर्शनकारियों को माकपा के जिला सचिव शिव प्रसाद और जिला कमेटी सदस्य वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पहले से ही महंगाई की मार झेल रही देश की जनता को इस बजट ने और  कठिनाइयों में डालने का काम किया है। बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। पिछले वर्ष में मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में एक करोड़ से अधिक लोगों का रोजगार चले गया। इतना ही नहीं इस सरकार ने मनरेगा के बजट में भी कटौती कर दी। डंगवाल ने बताया कि स


रकार ने बिना एथेनाल पेट्रोल, डीजल पर 2 रुपए की एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है। इस बजट में रसोई गैस की सब्सिडी में भारी कटौती कर दी गई। जिसके कारण आम आदमी को ईंधन खरीदने में भी भारी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। होम लोन मैं ब्याज पर डेढ़ लाख की टैक्स में छूट थी। अब इसको को खत्म कर दिया है। उन्होंने बताया कि  किसानों की एकता के बदौलत ही सरकार ने दबाव में आकर 3 कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया। परंतु किसानों की फसलों की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून आज तक नहीं बनाया गया। इसके बजाय किसानों की फसलों को खरीदने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को केवल किसानों की फसलों की 28% से कम खरीद करने के लिए निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि बताया कि  पिछले वर्ष 2021 में गेहूं धान की खरीद के लिए सरकार द्वारा 2.48 लाख करोड़ रुपए अलग रखे गए थे। इस वर्ष 2022 में देश के बजट में इस को घटाकर 2.37 लाख  रूपए कर दिया है।इसके लाभार्थियों की संख्या जो पिछले वर्ष 1. 97 करोड  थी। घटाकर 1.63  करोड़ कर दिया गया है। जिसके कारण 34 लाख किसान इससे  बाहर हो गए। इस सरकार ने कर्मचारियों की इनकम टैक्स की स्लैब में भी कोई परिवर्तन नहीं किया है। जिसकी वजह से कम वेतन प्राप्त करने वाले ग्रुप डी के कर्मचारी इनकम टैक्स की चपेट में आ रहे हैं। बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम सहित सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण करने पर जोर दिया गया। बजट में जीवन रक्षक दवाइयों की की कीमतों में बढ़ोतरी और शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बजट में कटौती की गई। आज के प्रदर्शन को निरंतर पाराशर, कामेश्वर ठाकुर, के पी सिंह, ने भी संबोधित किया।

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