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फरीदाबाद,13 जनवरी।
हड़ताल में शामिल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोविड 19 में ड्यूटी करने के बावजूद एक हजार रुपए प्रोस्ताहन राशि न देने का मामला तूल पकड़ गया है। आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन हरियाणा की राज्य प्रधान देवेन्द्री शर्मा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला प्रधान अशोक कुमार व जिला प्रधान बलबीर सिंह बालगुहेर, मजदूर संगठन सीआईटीयू के जिला प्रधान निरंतर पराशर ने सहित अनेक संगठनों के नेताओं ने सरकार के निर्देश पर निदेशालय द्वारा 12 जनवरी को जारी उक्त आदेशों की कड़ी भर्त्सना की है। कर्मचारी व मजदूर संगठनों ने इससे प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा की गई धोषणा को लागू न करने की वादाखिलाफी के खिलाफ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 8 दिसंबर से चल रही हड़ताल को फूट डालकर तोड़ने का षड़यंत्र करार दिया है। संगठनों ने उक्त फरमानों को तूरंत वापस लेने की मांग की है। उक्त ्संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसका राज्य स्तर पर संयुक्त तौर पर विरोध किया जाएगा। उधर, आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स की 8 दिसंबर से चल रही हड़ताल शुक्रवार को 37 वें दिन भी जारी रही। नेताओं ने बताया बृहस्पतिवार को हड़ताली आंगनबाड़ी कर्मियों ने जेल भरो आंदोलन के तहत राज्य भर में बड़ी संख्या में गिरफ्तारी भी दी थी। जेल भरो आंदोलन की ऐतिहासिक सफलता से बोखला कर निदेशालय ने हड़ताली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग पत्र कोविड 19 में ड्यूटी करने वाली वर्कर व हेल्पर्स को 1000 रुपए प्रोस्ताहन राशि देने का पत्र जारी किया है। लेकिन उसमें स्पष्ट किया गया है कि उक्त राशि केवल उन्हीं को दी जाएगी,जो 12 जनवरी,2022 को ड्यूटी पर होगी। अर्थात हड़ताल में शामिल होने वाली कार्यकर्ताओं को नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि हड़ताल दिसंबर,2021 में शुरू हुई है और प्रोत्साहन राशि कोविड 19 की दूसरी लहर यानी फरवरी- जून,2021 में ड्यूटी करने के कारण दी जा रही है। उक्त पत्र बिल्कुल भी तर्क संगत नहीं है। यह पत्र बिल्कुल हड़ताल को तोड़ने के लिए निकाला गया है। देवेन्द्री शर्मा ने कहा कि सरकार इस बार भी एकता को तोड़ने में सफल नहीं होगी।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन हरियाणा की राज्य प्रधान देवेन्द्री शर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सितंबर, 2018 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा वर्कर के मानदेय में 1500 व हेल्पर के 750 रूपए और मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में वर्कर को कुशल और हेल्पर को अर्ध कुशल मजदूर मानकर वेतन देने की मांग को लेकर 8 दिसंबर से हड़ताल पर हैं। सरकार व विभाग लगातार हड़ताल तोड़ने के लिए घोर निंदनीय हथकंडे अपना रहे हैं। सरकार व विभाग बातचीत केवल दिखावे के लिए कर रही है, जिसमें गंभीरता बिल्कुल नहीं है। तालमेल कमेटी के नेताओं के खिलाफ झुठे मुकदमे दर्ज करवाए जा रहे हैं और उनके के खिलाफ बर्खास्त करने के कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसके बावजूद हड़ताल बढ़ती जा रही है।
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