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फरीदाबाद 3 दिसंम्बर पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के सिलेंडर और खाद्य तेलों के दामों में हो रही बेतहाशा मूल्य वृद्धि,एवम् वेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर सीपीआईएम
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी जिला कमेटी ने आज शुक्रवार को राज्यव्यापी आंदोलन के तहत उपायुक्त कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के बाद महामहिम राज्यपाल के नाम 13 सूत्री मांगों ज्ञापन एसडीएम फरीदाबाद को सौंपा गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सैकड़ों पार्टी के कार्यकर्ता हुड्डा के ओपन एयर थिएटर में इकट्ठे हुए यहां से प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे। पार्टी के द्वारा दिए गए मांग पत्र में स्थानीय समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सचिव कामरेड शिव प्रसाद ने की जबकि संचालन जिला कमेटी के सदस्य वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किया। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पार्टी राज बदलने के लिए आंदोलन नहीं चला रही है। बल्कि पार्टी का संघ
र्ष देश और प्रदेश की राजनीति को बदलने के लिए चलाया जा रहा है। जब तक सत्ताधारी दल अपनी नीतियों को नहीं बदलते तब तक आम लोगों को राहत नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि सभी दल सत्तासीन होने के बाद एक ही प्रकार की नीति को अपनाते हैं।जिस के कारण न तो महंगाई कम होती है। और न ही बेरोजगारी पर रोक लगती है। सरकार ने अपना बजट घाटा पूरा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्रों को ओने पौने दामों पर निजी कंपनियों को बेचना शुरू कर दिया है। जन सेवाओं के विभागों का निजीकरण होने से जहां एक तरफ रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आम जनता को निशुल्क मिलने वाली सुविधाओं में कटौती होती है। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर निजीकरण का मॉडल नहीं अपनाया जाना चाहिए। इसमें भ्रष्टाचार और बढ़ जाता है। देश और प्रदेश की सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के कड़े कदम उठाने चाहिए। सार्वजनिक संपत्तियों का निजीकरण बंद करके सरकार को पूंजी परस्त नीतियों को पलटकर, सार्वजनिक सेवाओं जैसे राशन व्यवस्था, मनरेगा, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन बैंक, बीमा, पानी, रेलवे,खनन ,जल, वायु , रक्षा, कृषि, टैलीकॉम,तेल, गैस, बिजली क्षेत्र में बजट बढ़ाना चाहिए। तथा पूंजीपतियों पर उनकी संपत्ति के हिसाब से टैक्स बढ़ाकर तथा तेल एवम् गैस पर लगाए टैक्स को घटाकर जनसेवा की राजनीति को केंद्र में लाना होगा।
र्ष देश और प्रदेश की राजनीति को बदलने के लिए चलाया जा रहा है। जब तक सत्ताधारी दल अपनी नीतियों को नहीं बदलते तब तक आम लोगों को राहत नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि सभी दल सत्तासीन होने के बाद एक ही प्रकार की नीति को अपनाते हैं।जिस के कारण न तो महंगाई कम होती है। और न ही बेरोजगारी पर रोक लगती है। सरकार ने अपना बजट घाटा पूरा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्रों को ओने पौने दामों पर निजी कंपनियों को बेचना शुरू कर दिया है। जन सेवाओं के विभागों का निजीकरण होने से जहां एक तरफ रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आम जनता को निशुल्क मिलने वाली सुविधाओं में कटौती होती है। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर निजीकरण का मॉडल नहीं अपनाया जाना चाहिए। इसमें भ्रष्टाचार और बढ़ जाता है। देश और प्रदेश की सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के कड़े कदम उठाने चाहिए। सार्वजनिक संपत्तियों का निजीकरण बंद करके सरकार को पूंजी परस्त नीतियों को पलटकर, सार्वजनिक सेवाओं जैसे राशन व्यवस्था, मनरेगा, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन बैंक, बीमा, पानी, रेलवे,खनन ,जल, वायु , रक्षा, कृषि, टैलीकॉम,तेल, गैस, बिजली क्षेत्र में बजट बढ़ाना चाहिए। तथा पूंजीपतियों पर उनकी संपत्ति के हिसाब से टैक्स बढ़ाकर तथा तेल एवम् गैस पर लगाए टैक्स को घटाकर जनसेवा की राजनीति को केंद्र में लाना होगा।
उन्होंने कहा देश की जनसमस्याओं का एकमात्र समाधान यही है। वक्ताओं ने बताया कि फरीदाबाद की कॉलोनियों और सेक्टरों में सड़कों की हालत काफी खराब है। कई कालोनियों में सीवर का पानी सड़कों पर तैर रहा है। सीवर के पानी की निकासी की उचित व्यवस्था वर्षों से नहीं की जा रही है। वैसे कहने के लिए फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला हुआ है। लेकिन विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया जाता। है। आज के प्रदर्शन को जिला कमेटी के सदस्य निरंतर पाराशर, विजय झा, के पी सिंह, वीरेंद्र पाल,ओमप्रकाश ने भी संबोधित किया।
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