//# Adsense Code Here #//
फरीदाबाद। जल जीवन मिशन के तहत जन स्वास्थय एवं अभियांत्रिकी विभाग के अन्तर्गत जल स्वच्छता और सहायक सगंठन अब ग्रामीणों को विभाग द्वारा दी जाने वाली पानी सप्लाई में जीवाणु जांच के अलावा क्लोरीन की मात्रा जांचने का प्रशिक्षण भी देगा। इसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए विभाग ने क्लोरीन जांच किट वितरण का कार्य आरम्भ कर दिया है
। जानकारी देते हुए जन स्वास्थय अभियांत्रिकी विभाग के जिला सलाहकार सत्यनाराण नेहरा ने बताया कि जिले के प्रत्येक गांव में ग्रामीण स्तर पर पानी के रख रखाव एवं प्रबंधन के लिए ग्रामीण जल एवं सीवरेज समिति का गठन किया हुआ है अब इस समिति के सदस्य अपने स्तर पर गांव में पेयजल सप्लाई में क्लोरीन की मात्रा को जांचने का कार्य करेंगे । इसके अन्तर्गत विभाग प्रत्येक गांव में क्लोरीन किट वितरित करके इनको सम्पूर्ण प्रशिक्षण देगा। प्रथम चरण में प्रत्येक पंचायत स्तर पर किट बांटने एंव प्रशिक्षण के लिए सक्षम युवाओं को शुक्रवार को किट प्रदान कर दी गई जो ग्राम स्तर पर विरतण करेंगे। इससे पहले विभाग द्वारा प्रत्येक गांव में ग्रामीणों को पानी में जीवाणु जांच के लिए भी एफटीके किट वितरित की जा चुकी है।बैक्टीरिया मारने के लिए उपयोगी क्लोरीन
क्लोरीन पानी में मिलाने से माइक्रो बैक्टीरिया एवं कैलीफाम बैक्टीरिया तुरंत मर जाते हैं। जिससे ग्रामीण अशुद्ध पेयजल पीने से होने वाली बिमारियों से दूर रहते हैं।
क्लोरीन की मात्रा कितनी होनी चाहिए?
हम जिस पानी को पीते हैं, उसमें क्लोरीन की मात्रा 0.2 से 0.5 के बीच होनी चाहिए। अगर यह मात्रा इससे अधिक है तो वे लीवर, आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
No comments :