HEADLINES


More

विश्व शौचालय दिवस - प्रतियोगिताओं द्वारा जागरूकता अभियान आयोजित

Posted by : pramod goyal on : Friday 19 November 2021 0 comments
pramod goyal
Saved under : , ,
//# Adsense Code Here #//

 शिक्षा विभाग फरीदाबाद के आदेशानुसार राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन आई टी तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगे


ड ने विश्व शौचालय दिवस पर पेंटिंग और सलोगन लिखो प्रतियोगिता का आयोजन किया। सैंट जॉन एंबुलेंस और जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि विश्व शौचालय दिवस स्वच्छता के प्रति जनता का ध्यान दिलाने का प्रयास करता है। यद्यपि पर्याप्त स्वच्छता तक पहुंच को मानव अधिकार के रूप में घोषित किया गया है लेकिन प्रत्येक तीन व्यक्तियों में से एक के पास शौचालय को लेकर कोई भी स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं है। इसके अतिरिक्त जिन व्यक्तियों की पहुंच असुरक्षित और अशुद्ध शौचालय तक है उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिनमें टाइफाइड, हैजा, डायरिया और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां सम्मिलित हैं। खुले में शौचालय जाने पर बच्चों और महिलाओं पर होने वाले यौन उत्पीड़न के केसों में वृद्धि होती है। विश्व शौचालय दिवस का अंतिम उद्देश्य सभी व्यक्तियों को अपनी प्राथमिक आवश्यकताओं का ध्यान रखने के लिए सुरक्षा के डर के बिना अनुमति देना है। यह दिवस इस बात को सुनिश्चित करता है कि सभी की सुरक्षित शौचालय और स्वच्छता तक पहुंच होनी चाहिए। सभी लोगों को विश्व शौचालय दिवस का उद्देश्य समझाना अंतर्राष्ट्रीय प्राथमिकता है  प्राचार्य मनचंदा ने बताया कि इस वर्ष विश्व शौचालय दिवस 2021 की थीम शौचालयों का मूल्यांकन है।

लोगों के पास शौचालयों से ज्यादा मोबाइल फोन है।  बच्चों में विभिन्न बीमारियों जैसे दस्त, सोइल ट्रांसमिटेड हेल्मिन्थिआसिस और क्रोनिक कुपोषण जिसे पर्यावरणीय एंट्रोपैथी कहा जाता है, सीधे मानव के मल के संपर्क से जुड़ा होता है। विकासशील देशों में महिलाएं शौच जाने के लिए अपने घर छोड़ने पर बलात्कार या हमले के भय की अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रही हैं शौचालयों के पास या उसके आस-पास के क्षेत्रों में महिलाओं के उत्पीड़न या हमलों की रिपोर्ट आना होना बहुत सामान्य घटना है। उनके विरुद्ध ऐसी हिंसा का परिणाम मनोवैज्ञानिक और शारीरिक होता है जिसका असर समाज और परिवारों पर पड़ता है जो लिंग असमानताओं के साथ जी रहे हैं। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा, एक्टिविटीज कॉर्डिनेटर डॉक्टर जसनीत एवम प्रवक्ता शिवानी ने पेंटिंग और सलोगन लेखन में निशा और काजल को प्रथम, तबिंदा और नेहा को द्वितीय तथा सृष्टि और आरती को तृतीय घोषित किया। प्राचार्य ने सभी सहयोगी अध्यापकों का आभार व्यक्त किया।

No comments :

Leave a Reply