फ़रीदाबाद 23 जून I आज भारतीय जनता पार्टी ज़िला कार्यालय पर भारतीय जनता पार्टी फ़रीदाबाद के ज़िला अध्यक्ष गोपाल शर्मा के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस को स्मृति दिवस के रूप में मनाया I भाजपा ज़िला अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें
श्रद्धा सुमन अर्पित किए I गोपाल शर्मा ने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के विचारों और उनके जीवन दर्शन पर कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया I गोपाल शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि देश की स्वतंत्रता के बाद, श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी को अंतरिम केंद्र सरकार में उद्योग और आपूर्ति मंत्री बनाया गया, लेकिन सरकार द्वारा लिए गए देश विरोधी निर्णयों के विरोध में उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा देकर 1951 में भारतीय जनसंघ का गठन किया I प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू के हस्तक्षेप के चलते जम्मू कश्मीर का भारत में पूरी तरह से विलय नहीं हो पाया I जिसके फलस्वरूप श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने जम्मू-कश्मीर राज्य का अलग संविधान और धारा 370 के ख़िलाफ़ अपनी आवाज उठाई I 1953 में उन्होंने जम्मू कश्मीर के सम्पूर्ण विलय के लिए एक आंदोलन किया I इस आंदोलन के चलते भारत भर में एक नारा गूँज गया कि– एक देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान: नहीं चलेंगे, नहीं चलेंगे। उन्होंने 11 मई, 1953 में जम्मू कश्मीर में बिना सरकार की अनुमति के प्रवेश ले लिया I शेख़ अब्दुल्ला की सरकार ने उनको गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया और 40 दिन बाद 23 जून 1953 को रहत्सयमय तरीक़े से उनकी मृत्यु हो गयी ।
ज़िला महामंत्री मूल चन्द मित्तल ने कहा कि देश के एकता और अखंडता के लिये डॉक्टर श्यामा प्रसाद ने अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया। जहाँ हुए बलिदान मुखर्जी...वो कश्मीर हमारा है, वो कश्मीर हमारा है...वो सारा का सारा है, जिस जम्मू कश्मीर के सम्पूर्ण विलय के लिए डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने अपने प्राणों की आहुति दी, लगभग 65 साल बाद अगस्त 2019 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने धारा 370 को सदा के लिये समाप्त कर डॉक्टर श्यामा प्रसाद जी के जम्मू कश्मीर के सम्पूर्ण विलय के सपने को साकार किया I उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जन हितैषी योजनाओं को हम कार्यकर्ता घर-घर तक पहुंचने का कार्य करें। यही हमारी मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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