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फरीदाबाद: बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एलएन पाराशर ने शुक्रवार 6वीं बार शहर के वालों को 300 से ज्यादा कानूनी किताबें बाँट एक रिकार्ड बनाया क्यू कि फरीदाबाद ही नहीं हरियाणा या देश की किसी भी अदालत में अब तक किसी वकील ने जूनियर वकीलों की इतनी मदद नहीं की है। वकील पाराशर लगभग सवा साल में 6 बार कानूनी किताबें बाँट चुके हैं और निःशुल्क कोचिंग के माध्यम से अधिक से अधिक युवा वकीलों को जज बनाने के लिए प्रयासरत है।
इस मौके पर वकील पाराशर ने कहा कि मैं एक गांव से ताल्लुक रखता हूँ और लगभग 30 साल पहले जब मैंने फरीदाबाद की अदालत में प्रैक्टिस करना शुरू किया तो देखा कि युवा वकीलों की उपेक्षा की जाती है और कोई भी उनकी मदद नहीं करता जिस कारण तमाम युवा वकील वकालत तक छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि तमाम युवा वकील ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिनके परिजन उन्हें पढ़ाने में अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं और अधिकतर युवा वकील लगभग पांच साल तक उतना नहीं कमा पाते जिनमे में उनका या उनके परिवार का गुजारा होता है। वकील पाराशर ने कहा कि मैंने कई बार हरियाणा सरकार से मांग की कि युवा वकीलों को सम्मान भत्ता दिया जाए लेकिन सरकार ने अब तक युवा वकीलों की परेशानी को नहीं समझा इसलिए मैं समय-समय पर युवा वकीलों की मदद का प्रयास करता रहता हूँ।
वकील पाराशर ने बताया कि शुक्रवार को बांटी गई किताब का नाम क्रास एक्जामिनेशन आफ विटनेस, सिविल क्रिमिनल एंड मेडिकल एक्जामिनेशन है। उन्होंने बताया कि ये किताब बहुत ख़ास है क्यू कि इस किताब में 11 000 प्रश्न दीवानी, फौजदारी के साथ साथ डाक्टर से जुड़े हैं जो गवाहों को क्रास करने में युवा वकीलों के लिए काम आएंगे। ये प्रश्न युवा वकीलों के गवाही करवाने में बहुत ही अहम् भूमिका निभाएंगे और युवा वकील उत्साहित होकर अपने केस में गवाही करवा सकेंगे। और उन्हें कोर्ट में घबराहट का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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