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क्राइम
ब्रांच डीएलएफ फरीदाबाद पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है। जो
मालदार लोगों को हनीट्रैप में फांसकर मोटी रकम एंठने का काम करते थे। गिरोह
नोएडा सेक्टर-82 मोड़ चौकी प्रभारी एसआई रामधन की मदद से चल रहा था। गिरोह
में एसआई सहित चार युवतियां और पांच युवक शामिल हैं, पुलिस ने एक युवती व
युवक को गिरफ्तार किया है, बाकी अभी फरार हैं। पकड़े गए आरोपी युवक की पहचान
पलवल निवासी रामबीर के रूप में हुई है। क्राइम ब्रांच डीएलएफ फरीदाबाद पुलिस की गिरफत में नजर आ रहे ये युवक और
युवती भोले भाले और अमीर लोगों को हनीट्रैप में फांसकर करोडों रुपये एंठने
की मांग करते थे, इस गौरखधंधे में इस शातिर गिरोह की मदद उत्तर प्रदेश के
नोएडा सेक्टर - 82 मोड़ चौकी प्रभारी एसआई रामधन करता था।
जांच अधिकारी एसआई ब्रह्मसिंह की माने तो गिरोह के सदस्यों ने नोएडा सेक्टर-92 में फ्लैट किराए पर लिया हुआ है। युवतियां मालदार पार्टियों को प्लॉट दिलाने या किसी भी बहाने से फ्लैट पर बुलाती थीं। अगर इनका शिकार सीधे जाल में फंस जाता तो ठीक नहीं तो उसे चाय या कोल्डोड्रक में नशीला पदार्थ पिलाकर उसके कपड़े उतारकर युवतियां साथ लेट जाती थीं। थोड़ी देर बाद ही गिरोह के बाकी सदस्य युवती की मां, बहन, भाई बनकर सामने आ जाते। जाल में फांसे गए शख्स के साथ मारपीट की जाती। उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाते। मामले की सूचना तुरंत नोएडा सेक्टर-82 मोड़ चौकी में दी जाती। उसके बाद नोएडा सेक्टर-82 मोड़ चौकी प्रभारी एसआई रामधन इनके साथ मिला हुआ था। वह तुरंत मुकदमा दर्ज करने का ड्रामा शुरू कर देता था।
जांच अधिकारी एसआई ब्रह्मसिंह की माने तो गिरोह के सदस्यों ने नोएडा सेक्टर-92 में फ्लैट किराए पर लिया हुआ है। युवतियां मालदार पार्टियों को प्लॉट दिलाने या किसी भी बहाने से फ्लैट पर बुलाती थीं। अगर इनका शिकार सीधे जाल में फंस जाता तो ठीक नहीं तो उसे चाय या कोल्डोड्रक में नशीला पदार्थ पिलाकर उसके कपड़े उतारकर युवतियां साथ लेट जाती थीं। थोड़ी देर बाद ही गिरोह के बाकी सदस्य युवती की मां, बहन, भाई बनकर सामने आ जाते। जाल में फांसे गए शख्स के साथ मारपीट की जाती। उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाते। मामले की सूचना तुरंत नोएडा सेक्टर-82 मोड़ चौकी में दी जाती। उसके बाद नोएडा सेक्टर-82 मोड़ चौकी प्रभारी एसआई रामधन इनके साथ मिला हुआ था। वह तुरंत मुकदमा दर्ज करने का ड्रामा शुरू कर देता था।
गिरोह
का मास्टरमाइंड पलवल निवासी सलीम है। वह स्थानीय प्रधान बनकर चौकी में
पहुंच जाता और फांसे गए शख्स को जेल का डर दिखाकर मामला सेटल कराने की बात
कहता। नवंबर 2017 में इस गिरोह ने होडल के एक व्यापारी को फांसकर उससे एक
करोड़ रुपये मांगे थे। बाद में व्यापारी ने 16 लाख रुपये देकर ोपड छुड़ाया।
उसी व्यापारी ने इस गिरोह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी जांच दो
महीने क्राइम ब्रांच डीएलएफ पुलिस के पास आई। तब पुलिस ने गिरोह पर शिकंजा
कसा। गिरोह के खिलाफ पलवल के ही दो और लोगों ने मुकदमा दर्ज कराया हुआ है।
उनसे गिरोह ने तीन लाख और 6.40 लाख रुपये एंठे थे।
पुलिस
के अनुसार गिरोह में अभी असफाक, सलीम, दिनेश, गोपाल व रामधन के अलावा तीन
युवतियां फरार हैं। सभी पलवल के रहने वाले हैं। उन्हें भी जल्द गिरफ्तार
किया जाएगा।
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