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स्कूल संचालक छोटे बच्चों का दाखिला करके उनके जीवन व स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह आरोप हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने प्राइवेट स्कूल संचालकों पर लगाया है। मंच ने कहा है कि सत्र 2021-22 में प्री प्राथमिक कक्षाओं के लिए किए जा रहे नए दाखिलों में एक बार फिर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है मंच ने शिक्षा विभाग के नियमों का हवाला देते हुए स्कूलों द्वारा किए जा रहे इन नियम विरुद्ध कार्य की शिकायत चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी से करके उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि सभी नामी गिरामी स्कूलों ने प्राथमिक प्रथम एलकेजी कक्षा से पहले डे केयर, टॉडलर, प्ले ग्रुप,प्री नर्सरी, नर्सरी नाम से चार पांच क्लास बना रखी हैं और उनमें प्रवेश आयु क्रमशः
1 साल, 15 महीने से 2 साल, 2 साल से ढाई साल, ढाई साल से 3 साल और 3
साल से 4 साल रखी है। मंच का कहना है कि यह पूरी तरह से शिक्षा निदेशक हरियाणा व सीबीएसई के नियमों के खिलाफ किया जा रहा है।
साल से 4 साल रखी है। मंच का कहना है कि यह पूरी तरह से शिक्षा निदेशक हरियाणा व सीबीएसई के नियमों के खिलाफ किया जा रहा है।
जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि इन नियमों का उल्लंघन करके अधिकांश प्राइवेट स्कूलों ने शिक्षा सत्र 2021-22 के लिए प्री प्राथमिक कक्षाओं में चार पांच महीने पहले ही दाखिला करके एडवांस में पचास से ₹1लाख वसूल कर मोटा पैसा कमाया है। मंच का कहना है कि स्कूल बंद होने के कारण दाखिला लेने वाले इन किशोर बच्चों की फिजिकल पढ़ाई शुरू ही नहीं हुई है और जैसा माहौल चल रहा है इस साल होनी भी नहीं है। स्कूल प्रबंधक लिए गए पैसे को जायज ठहराने के लिए इन बच्चों के पेरेंट्स के फोन पर मैसेज के द्वारा फॉर्मेलिटी के रूप में होमवर्क दे रहे हैं। मंच ने इस सबके लिए उन पेरेंट्स को भी जिम्मेदार ठहराया है जो स्कूल प्रबंधकों के भ्रम जाल में फंसकर अपने मासूम किशोर बच्चों के जीवन व स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं और स्कूल वालों को कमाई का मौका दे रहे हैं। कैलाश शर्मा ने कहा है कि शिक्षा नियमावली का नियम है कि कक्षा एक से पहले प्री प्राथमिक में सिर्फ 2 क्लास ही होनी चाहिए। एलकेजी और यूकेजी या अन्य किसी भी नाम से। लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने ज्यादा पैसा कमाने के लिए एलकेजी से पहले 4-5 क्लास बना ली हैं। नियम यह भी है कि 3 साल से पहले के किसी भी बच्चे का स्कूल में दाखिला नहीं होना चाहिए और एलकेजी में 3+, यूकेजी में 4+, क्लास वन में 5+ की उम्र के बच्चों को दाखिला देना चाहिए। मंच का आरोप है कि स्कूल प्रबंधकों ने अपनी सुविधा अनुसार दाखिले की उम्र तय कर रखी है।
मंच ने चेयरमैन एफएफआरसी को भेजी गई शिकायत में यह भी लिखा है कि शिक्षा नियमावली का नियम है कि नया दाखिला देने के बाद अभिभावकों से सिर्फ टोकन रजिस्ट्रेशन अमाउंट ही लिया लेकिन स्कूल प्रबंधक 5 महीने पहले ही एडवांस में दाखिला के रूप में 50 से ₹ 1 लाख रुपए वसूल कर मोटा पैसा कमा रहे हैं। चेयरमैन एफएफआरसी को इन सब नियम विरुद्ध कार्यों की जांच करानी चाहिए। मंच ने पेरेंट्स से भी कहा है कि वह अपने मासूम बच्चों के जीवन व स्वास्थ्य से खिलवाड़ ना करें। 3 साल होने पर ही एलकेजी में दाखिला कराएं।
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