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सच को झूठ और झूठ को सच बताती है पुलिस : पत्रकार मोहन तिवारी

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 30 September 2020 0 comments
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 फरीदाबाद:30 सितंबर


। शहर फरीदाबाद के  बाटा चौक कृष्णा कॉलोनी में सास ने अपनी ही बहू को कमरे में 24 घंटो से बंद किया हुआ था लेकिन जैसे ही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पत्रकार मोहन ने स्थानीय चौकी इंचार्ज को संपर्क कर मामले से अवगत कराया जिसके बाद चौकी इंचार्ज ने बताया कि कुछ दिन पहले भी इस परिवार के तरफ से घटना हमारे चौकी में मिल चुकी है जिसको निपटारा कराया जा चुका है, जिसके बाद पत्रकार ने मामले में घटना स्थल पर पहुच कर त्वरित कार्यवाही करने को कहा जिसके उपरान्त बाद मौक़े पहुँचे चौकी इंचार्ज ने मामले से अवगत कराया और लड़की को बंद कमरे से बाहर निकलवाया वही पत्रकार मोहन तिवारी के सवालों से बचते रहे चौकी इंचार्ज दूसरी तरफ लडक़ी ने बताया कि उसको कमरे में जबरन बंद किया गया और पुलिस वाले पहुच कर ताला खुलवाया है।लेकिन वही पुलिस ने उसके तर्क को अलग तरीके से पेश करने की कोशिश किया लेकिन जब पत्रकार ने उस लड़की के साथ हुए घटना की पूरी जानकारी लेनी चाही तो पुलिस ने सवालों के जवाब देने के बजाय झूठी बातें कर गोलमटोल जवाब देते रहे।

पत्रकार मोहन तिवारी ने आरोप लगाया कि कुछ पुलिस कर्मी  तिल को ताड बना देते है सच को झूठ, और झूठ को सच बताते है जिस पक्ष से वो संतुष्ट हो जाते है उस पक्ष की तरफ़दारी करते है और पुलिस कब संतुष्ट होती है ये बात किसी से छुपी नही है। पुलिस ने सवलो के जवाब देने के बजाय कन्नी काट गयी इससे साफ पता चलता है कि पुलिस के अपने दावे कितने सच और कारगर होते है।
वही इंडियन जॉर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया फरीदाबाद प्रेसिडेंट पत्रकार मोहन तिवारी ने आरोप लगाया है कि कुछ पुलिसकर्मी भोली भाली जनता को थाने चौकी में बुला कर उनसे सही बात करने के बजाय अपने वर्दी पॉवर का गलत दुरुपयोग करके, अपने मन मानी पुर्ण तरीके से खुद की कलम से लिख कर उस पर दस्खत करवा लेते है, जबकि असल मे दोनों पक्षों के मन मे कुछ और चल रहा होता है।
इंडियन जॉर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया फरीदाबाद प्रेसिडेंट पत्रकार ने आरोप लगाया है कि अगर दोनों पक्ष खुद की मर्जी से राजी होकर दस्खत करते है तो उसमें आगे चलकर दोनों पक्षों के साथ अहित होने की गुंजाइश कम होती है, मामले आगे नही बढ़ते बल्कि हमेशा के लिए खत्म हो जाते है।पुलिस आयुक्त चाहे जितने दावे कर ले निचले स्थल पर पुलिस की कहानी कुछ और ही है।

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