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फरीदाबाद। ऑल इंडिया टेक्निकल एंड मैनेजमेंट काउंसिल (एआईटीएमसी) ने हाल ही में जारी नई शिक्षा नीति पर वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार में नई शिक्षा नीति का उच्चतर शिक्षा पर प्रभाव और कौशल विकास की संभावनाओं पर चर्चा की गई। वेबिनार बतौर विषेशज्ञ व वक्ताओं में जालंधर स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के एडिशनल डायरेक्टर अमन मित्तल, विश्वसरैया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के एलुमनाई एसोसिएशन के संस्थापक निदेशक डॉ. प्रमोद पमपटवर, एआईटीएमसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रीत संधू सिहाग व शैक्षणिक संस्था स्टीम की एडवाइजर रजनी जुल्का उपस्थित थे। वेबिनार में शिक्षा नीति के साथ उपजे बुनियादी आवश्यकताओं पर फोकस किया गया। दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रम आप की बात के प्रोड्यूसर बृजेश श्रीवास्तव ने बतौर संचालक सभी का स्वागत किया। वेबिनार में इस शिक्षा नीति का सभी वक्ताओं ने स्वागत किया है।
एआईटीएमसी की सीईओ प्रीत संधू सिहाग ने बताया कि यह शिक्षा नीति लाइफ लांग लर्निग को बढ़ावा देगी। एक विद्यार्थी के पास इस नीति के तहत 64 स्किल एडऑन कर सकता है। संपूर्ण मानव विकास के ज़रूरी सभी चीजों को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि अगर हम बच्चों को काम करने वाले मशीन बनाने की जगह तनावमुक्त, स्वस्थ, सुखी और समाज का जिम्मेदार नागरिक बना सके तो यह हमारी सर्वश्रेष्ट उपलब्धि होगी।
डॉ. प्रमोद पमपटवर ने इस अवसर पर कहा कि इस शिक्षा नीति का आना बहुत ही ऐतिहासिक कदम है, 34 सालों से वहीं पुराना एजुकेशन सिस्टम चला आ रहा था। नीति के तहत सिस्टम में बदलाव लाना बहुत जरुरी था। इस शिक्षा नीति के तहत एजुकेशन सस्ता होगा, अगर एक लड़का एक डिग्री के लिए जिसके पास साइंस, कॉमर्स, इंजीनियरिंग भी है वो इससे एक जगह पढ़ सकता है, तो इससे कोई चांस नहीं है एजूकेशन महंगा होगा। यहां पर वर्ल्ड क्लास की यूनिवर्सिटी आएगी। यह नई शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली में कई बदलाव लाएगी, इससे बहुत सारे छात्र जुड़ेगे।
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