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फरीदाबाद। दिल्ली से महज कुछ दूरी पर FCI सरकारी अधिकारियों पर मिडडेमील का लाखों रुपयों के 1160 कट्टे चावलों को गबन करने का आरोप लगा है। ये आरोप भी किसी आम आदमी ने नहीं बल्कि FCI के ही एक पूर्व ठेकेदार ने भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों पर ये संगीन आरोप लगाए है जो दिल्ली से महज कुछ किलोमीटर दूर फरीदाबाद और होडल में बैठे है, जिनपर लाखों रुपयों के 1160 कट्टे चावलों का घोटाला करने का संगीन आरोप लगा है ।गौरतलब है कि खा
द्य निगम यानी FCI विभाग में तैनात लाखों रुपयों की तनख्वाह लेने वाले FCI अधिकारियों द्वारा छोटे कर्मचारियों से मिलीभगत कर ये घोटाला करने का आरोप लगा है। इस घोटाले का आरोप लगाने वाले ठेकेदार ने कहा है कि जाँच के नाम पर लीपापोती करते हुए FCI के अधिकारियों ने FCI के एक मैनेजर को सस्पेंड कर दिया। लेकिन इस मामले में FCI के डिवीजन मैनेजर किसी भी घोटाले से इनकार कर रहे है। वहीं घोटाले का खुलासा करने वाले ठेकेदार ने कहा की जब तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कारवाही नहीं होती तबतक वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे चाहे इसके लिए उन्हें हाईकोर्ट क्यों न जाना पड़े। अब आरोप सही है या गलत यह तो जाँच के बाद ही पता चलेगा। वहीं फरीदाबाद पहुँचे हरियाणा के मुख्यमंत्री से जब इस मामले में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हरियाणा में किसी भी प्रकार का भृष्टाचार बर्दास्त नहीं किया जाएगा चाहे वह कोई भी हो भरस्टाचार करने वालों को खोज कर उन्हें सजा दी जाएगी।
दिखाई दे रही तस्वीरें होडल के उसी में वेयरहाउस की है जहां पर बीते 15 जुलाई की रात को लाखों रुपए के चावलों का रातो रात घोटाला कर दिया गया ये वो चावल था जो नौनिहालों को मिड डे मील के रूप में दिया जाना था । इस मामले का खुलासा एफसीआई के ही एक पूर्व ठेकेदार ने किया। इस मामले में ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए उसने मामले की शिकायत हरियाणा के उप मुख्यमंत्री, खाद्य आपूर्ति मंत्री, सीएमडी फूड कॉरपोरेशन ,जीएम एफसीआई हरियाणा तथा पुलिस को दी है। ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि एफसीआई विभाग के अधिकारियों ने होडल के इस गोदाम में से लाख रुपयों के कट्टो का गबन किया है. ठेकेदार का आरोप है की एफसीआई विभाग के एक बड़े अधिकारी ने 16 जुलाई को होडल के गोदाम में 1 दिन पहले की तारीख में फर्जी तरीके से 580-580 कटों की सीधी इंट्री करा दी जबकि ना तो गोदाम में कोई गाड़ी आई और ना ही कोई माल आया था इसके अलावा उन दोनों गाड़ियों को 16 जुलाई को गोदाम से बाहर की रवानगी भी दर्ज करा दी थी ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि एफसीआई के अधिकारियों ने गोदाम में से 1160 कट्टे चावलों का गबन कर सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा दिया है। ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस घोटाले के दौरान FCI के अंदर लगे धर्मकांटे को खराब दिखाया गया जिसके चलते चावल की तुलाई बाहर अनऑथराइज्ड काँटे पर कराई गई जबकि तुलाई ऑथराइज्ड काँटे पर कराई जानी थी ,जब इस मामले में धर्मकांटे पर काम करने वाले कर्मचारी से बात की गई तो वह सवाल के जवाब से बचता नजर आया ।वहीं ठेकेदार का कहना है कि इस मामले में कार्रवाई के नाम पर एफसीआई के वेयरहाउस के मैनेजर को सस्पेंड कर केवल खानापूर्ति की गई है. लेकिन इस मामले में एफसीआई के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत है जिनकी लोकेशन और कॉल डिटेल निकाली जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा कि कौन-कौन से अधिकारी इस लाखों रुपए के चारों के घोटालों में शामिल थे प्रशासन ने जांच के नाम पर छोटी मछली को शिकार बनाकर केवल खानापूर्ति की है । ठेकेदार ने कहा कि जब तक इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं होती तब तक उन्हें शांत नहीं बैठेगा चाहे उसे हाई कोर्ट क्यों ना जाना पड़े।
वहीं जब इस घोटाले के मामले में FCI के MD से बात गई तो वह सभी आरोपों को नकारते नजर आए । लेकिन बता दें कि इस घोटाले की जाँच में FCI के मैनेजर को सस्पेंड किया जा चुका है।
द्य निगम यानी FCI विभाग में तैनात लाखों रुपयों की तनख्वाह लेने वाले FCI अधिकारियों द्वारा छोटे कर्मचारियों से मिलीभगत कर ये घोटाला करने का आरोप लगा है। इस घोटाले का आरोप लगाने वाले ठेकेदार ने कहा है कि जाँच के नाम पर लीपापोती करते हुए FCI के अधिकारियों ने FCI के एक मैनेजर को सस्पेंड कर दिया। लेकिन इस मामले में FCI के डिवीजन मैनेजर किसी भी घोटाले से इनकार कर रहे है। वहीं घोटाले का खुलासा करने वाले ठेकेदार ने कहा की जब तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कारवाही नहीं होती तबतक वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे चाहे इसके लिए उन्हें हाईकोर्ट क्यों न जाना पड़े। अब आरोप सही है या गलत यह तो जाँच के बाद ही पता चलेगा। वहीं फरीदाबाद पहुँचे हरियाणा के मुख्यमंत्री से जब इस मामले में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हरियाणा में किसी भी प्रकार का भृष्टाचार बर्दास्त नहीं किया जाएगा चाहे वह कोई भी हो भरस्टाचार करने वालों को खोज कर उन्हें सजा दी जाएगी।
दिखाई दे रही तस्वीरें होडल के उसी में वेयरहाउस की है जहां पर बीते 15 जुलाई की रात को लाखों रुपए के चावलों का रातो रात घोटाला कर दिया गया ये वो चावल था जो नौनिहालों को मिड डे मील के रूप में दिया जाना था । इस मामले का खुलासा एफसीआई के ही एक पूर्व ठेकेदार ने किया। इस मामले में ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए उसने मामले की शिकायत हरियाणा के उप मुख्यमंत्री, खाद्य आपूर्ति मंत्री, सीएमडी फूड कॉरपोरेशन ,जीएम एफसीआई हरियाणा तथा पुलिस को दी है। ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि एफसीआई विभाग के अधिकारियों ने होडल के इस गोदाम में से लाख रुपयों के कट्टो का गबन किया है. ठेकेदार का आरोप है की एफसीआई विभाग के एक बड़े अधिकारी ने 16 जुलाई को होडल के गोदाम में 1 दिन पहले की तारीख में फर्जी तरीके से 580-580 कटों की सीधी इंट्री करा दी जबकि ना तो गोदाम में कोई गाड़ी आई और ना ही कोई माल आया था इसके अलावा उन दोनों गाड़ियों को 16 जुलाई को गोदाम से बाहर की रवानगी भी दर्ज करा दी थी ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि एफसीआई के अधिकारियों ने गोदाम में से 1160 कट्टे चावलों का गबन कर सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा दिया है। ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस घोटाले के दौरान FCI के अंदर लगे धर्मकांटे को खराब दिखाया गया जिसके चलते चावल की तुलाई बाहर अनऑथराइज्ड काँटे पर कराई गई जबकि तुलाई ऑथराइज्ड काँटे पर कराई जानी थी ,जब इस मामले में धर्मकांटे पर काम करने वाले कर्मचारी से बात की गई तो वह सवाल के जवाब से बचता नजर आया ।वहीं ठेकेदार का कहना है कि इस मामले में कार्रवाई के नाम पर एफसीआई के वेयरहाउस के मैनेजर को सस्पेंड कर केवल खानापूर्ति की गई है. लेकिन इस मामले में एफसीआई के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत है जिनकी लोकेशन और कॉल डिटेल निकाली जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा कि कौन-कौन से अधिकारी इस लाखों रुपए के चारों के घोटालों में शामिल थे प्रशासन ने जांच के नाम पर छोटी मछली को शिकार बनाकर केवल खानापूर्ति की है । ठेकेदार ने कहा कि जब तक इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं होती तब तक उन्हें शांत नहीं बैठेगा चाहे उसे हाई कोर्ट क्यों ना जाना पड़े।
वहीं जब इस घोटाले के मामले में FCI के MD से बात गई तो वह सभी आरोपों को नकारते नजर आए । लेकिन बता दें कि इस घोटाले की जाँच में FCI के मैनेजर को सस्पेंड किया जा चुका है।
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