सोहन तुसीर ने बताया कि सुरेश ने उनसे संपर्क कर इंडियन प्रीमियर कबड्डी लीग और ग्लोबल प्रवासी कबड्डी लीग (महिला लीग) को मिलाकर एक बड़े मंच ग्लोबल इंडियन प्रवासी कबड्डी लीग (जीआईपीकेएल) बनाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी के बाद कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आई।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रायोजन और आय से जुड़ी पूरी वित्तीय जानकारी उनसे छिपाई गई और कांथि डी. सुरेश ने लीग के नाम और ब्रांड को अपने व्यक्तिगत स्वामित्व में दर्ज कराने का प्रयास किया। जब उन्होंने इस मामले को उठाया, तो उन्हें लीग से बाहर करने की कोशिश की गई। तुसीर का यह भी आरोप है कि उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए और पुलिस दबाव का इस्तेमाल कर उन्हें डराने की कोशिश की गई, जो कि पद के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण है।
उन्होंने दावा किया है कि उनके पास ईमेल, वित्तीय दस्तावेज और अनुबंधों की प्रतियां जैसे ठोस सबूत मौजूद है, जो उनके आरोपों को प्रमाणित करते है। तुसीर ने कहा कि जो कोई भी इस मामले में पारदर्शिता की मांग करता है, उसे दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस मामले को मीडिया, न्यायिक संस्थाओं और संबंधित मंत्रालयों के समक्ष लेकर जाएंगे, ताकि सच्चाई सामने आ सके और कबड्डी खेल की गरिमा बनी रहे।
काया एंटरटेनमेंट के निदेशक सुरजीत कंवर ने कहा कि इंडियन प्रीमियर कबड्डी लीग का उद्देश्य कबड्डी खिलाड़ियों को एक पारदर्शी, निष्पक्ष और पेशेवर मंच प्रदान करना था लेकिन कुछ लोगों की अनैतिक गतिविधियां और पद का दुरुपयोग, इस प्रयास को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। हम इस खेल की साख बचाने के लिए एकजुट है और सच्चाई को दबने नहीं देंगे।
तुसीर ने मीडिया, खेल समुदाय और सरकारी संस्थाओं से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप कर पद का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है।