फरीदाबाद में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के अनुपालन में लापरवाही बरतने और ट्रांसफर स्टेशन की बाउंड्री वॉल समय पर पूर्ण न करने के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सख्त कार्रवाई की है। एनजीटी की प्रधान पीठ ने फरीदाबाद नगर निगम आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल अधिकारी संदीप सिंह पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
यह आदेश एनजीटी की प्रधान पीठ के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की बेंच ने अजय लाल मलिक बनाम राज्य हरियाणा एवं अन्य मामले की सुनवाई के दौरान पारित किया। ट्रिब्यूनल ने कहा कि 10 सितंबर 2024 को नगर निगम फरीदाबाद को निर्देश दिए गए थे कि वह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के सभी प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करे और 31 दिसंबर 2024 तक ट्रांसफर स्टेशन की बाउंड्री वॉल का निर्माण पूरा करे।
हालांकि तय समय सीमा बीत जाने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हुआ और 15 जनवरी 2025 तक अनुपालन रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की गई। एनजीटी ने इसे कोर्ट के आदेश की अवमानना मानते हुए दोनों अधिकारियों पर जुर्माना लगाया। हालांकि यह जुर्माना अधिकारियों के वेतन से नहीं, बल्कि राज्य सरकार के कोष (स्टेट एक्सचेकर) से अदा किया जाएगा, क्योंकि यह "संस्थागत लापरवाही" मानी गई है।
सुनवाई के दौरान नगर आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए तीन बार निविदा (टेंडर) प्रक्रिया चलाई गई, लेकिन हर बार असफल रही। उन्होंने एनजीटी को भरोसा दिलाया कि अब यह कार्य 15 फरवरी 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा और 25 फरवरी 2026 तक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
पीठ ने स्पष्ट कहा कि पर्यावरणीय क्षति की भरपाई में किसी भी तरह की देरी स्वीकार्य नहीं होगी और यदि आगे भी निविदा प्रक्रिया असफल रहती है, तो विभाग को वैकल्पिक उपाय अपनाकर कार्य को हर हाल में पूरा करना होगा। एनजीटी ने अगली अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने की तारीख 25 फरवरी 2026 निर्धारित की है।

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