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बल्लभगढ़ 30 अक्टूबर - किसानों की समस्याओं को लेकर एक बैठक मोहना गांव में हुई। इसकी अध्यक्षता किसान नेता श्री नंदलाल ने की। संचालन देवी सिंह ने किया। उन्होंने आगामी 26 नवंबर को जिला मुख्यालय पर किसानों, मजदूरों के आवाहन पर होने वाले प्रदर्शन में भाग लेने का आश्वासन दिया।इस अवसर पर किसान नेता नवल सिंह, शिवप्रसाद और वीरेंद्र सिंह डंगवाल उप
स्थित रहे। किसानों की समस्याओं पर बोलते हुए नवल सिंह ने कहा कि देश और प्रदेश की सरकार किसानों को अन्नदाता तो अवश्य कहती है। लेकिन
उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निश्चित नहीं करती है। जिसकी सिफारिश हरित क्रांति के जनक स्वामीनाथन आयोग के द्वारा की गई थी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 में कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी। जिसको राष्ट्रीय किसान आयोग के नाम से जाना जाता है। इस कमेटी ने अक्टूबर 2006 में अपनी रिपोर्ट दी थी। जिसमें खेती किसानी के सुधार के लिए तमाम बातें कही गई थी। देश के किसानों ने तीन कृषि कानूनों को समाप्त करने के लिए आंदोलन किया था। बाद में इन कृषि कानूनों को सरकार ने वापस लिया। लेकिन पिछले दरवाजे से इनको लागू किया जा रहा है। किसानों को बिजली और डीजल की दरों में रियायतें नहीं दी जाती हैं। किसी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य को वैधानिक दर्जा नहीं दिया जा रहा है। फसलों की बुआई के लिए डीएपी और यूरिया खाद नहीं मिलती है। हाल ही में आई बाढ़ की वजह से बर्बाद हुई फसलों का उचित मुआवजा भी किसानों को नही दिया जा रहा है। आज की सभा को सीताराम, रूपराम,अमर सिंह, मुकेश, जय राम, आदि ने भी संबोधित किया।

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