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चंडीगढ़ : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि सहकारी सोसायटियों की वह जानकारी, जिसे सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कानूनन प्राप्त कर सकते हैं, सूचना का अधिकार (RTI) के तहत नागरिकों को दी जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही लोकतंत्र की बुनियाद हैं और ऐसी सूचनाओं को रोकना जनहित के खिलाफ है।
यह फैसला गुरुग्राम स्थित सरस्वती
कुंज कोऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसायटी लिमिटेड के मामले में आया। सोसायटी ने राज्य सूचना आयोग के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। आयोग ने सोसायटी को अपने बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर की बैठकों से जुड़े एजेंडा और कार्यवाही की प्रतियां आवेदक प्रदीप रापड़िया को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।
इस मामले में सोसायटी का तर्क था कि वह निजी संस्था है और सरकारी सहायता नहीं लेती, इसलिए RTI अधिनियम के दायरे में नहीं आती। जस्टिस कुलदीप तिवारी ने यह दलील खारिज करते हुए पारदर्शिता को सर्वोपरि बताया और आयोग के आदेश को बरकरार रखा।

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