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हरियाणा में डॉक्टरों को मरीजों को दी जाने वाले दवाइयां व जांचे पर्ची में साफ और बोल्ड अक्षरों पर लिखना होगा। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर इस आदेश को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि जब तक कंप्यूटर से पर्ची लिखने का सिस्टम पूरी तरह से लागू नहीं हो जाता, तब तक सभी डॉक्टरों को कैपिटल अक्षरों में ही पर्चे लिखें। स्वास्थ्य विभाग का यह आदेश सरकारी और निजी अस्पतालों में भी लागू होगा।

दरअसल अगस्त के महीने में एक केस की सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए थे कि डॉक्टरों की ओर से लिखे पर्चे साफ और स्पष्ट होने चाहिए, ताकि मरीज व फार्मासिस्ट दवाइयों के नाम व जांचों को आसानी से पढ़ सकें। कोर्ट ने कहा था कि सभी मेडिकल पर्चे और जांच रिपोर्ट, चाहे सरकारी अस्पताल में हों या प्राइवेट, साफ अक्षरों में लिखे जाने चाहिए। कोशिश होनी चाहिए ये कैपिटल अक्षरों में हों या फिर टाइप किए हुए या डिजिटल रूप में दिए जाएं। कोर्ट ने यह भी कहा था कि मरीजों को अपनी बीमारी और इलाज के बारे में जानने का हक है। यह उनके जीवन के अधिकार (अनुच्छेद 21) का एक अहम हिस्सा है। कोर्ट ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी ) से भी कहा है कि वह मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को साफ लिखावट के बारे में सिखाया जाए।
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