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फरीदाबाद, 30 सितम्बर 2025 - जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के विवेकानंद मंच द्वारा स्वदेशी स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत 'उद्यमिता प्रोत्साहन' कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक श्री सतीश कुमार मुख्य वक्त रहे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. प्रदीप कुमार डिमरी, और स्वदेशी जागरण के उत्तर क्षेत्र सहसंयोजक सतेन्द्र सौरोत भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री सतीश कुमार ने छात्रों को स्वदेशी उत्पादों के लिए संकल्प लेने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि “जब बाज़ार जाएंगे, स्वदेशी लाएँगे सामान।” उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति जीवन में सफल होना चाहता है तो उसे वैज्ञानिक जे.सी. बोस की यात्रा से सीख लेनी चाहिए। जिस प्रकार जे.सी. बोस को उनकी खोजों और योगदान के लिए आज 100 साल बाद भी समाज याद करता है, उसी प्रकार युवाओं को अपने कार्यों से स्थायी पहचान बनानी चाहिए।
अपने संबोधन में उन्होंने उद्यमिता के पाँच मूल सिद्धांत बताए, जिसमें उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अर्न व्हाइल लर्न के तहत कम उम्र में कमाना शुरू करें; नौकरी खोजने वाले नहीं अपितु नौकरी देने वाले बनें; बड़ा सोचें, नया सोचें और परंपराओं से बाहर सोचें; जुनूनी, मेहनती, जोखिम उठाने वाले और भरोसेमंद बनें और राष्ट्र प्रथम – स्वदेशी सर्वोपरि होना चाहिए।
इससे पहले विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि उद्यमिता केवल करियर का विकल्प नहीं बल्कि समाज को नई दिशा देने का माध्यम है। आज के युवा यदि सीखते हुए कमाना शुरू करें और नए विचारों पर काम करें तो वे न केवल अपने लिए अवसर बनाएँगे बल्कि राष्ट्र के लिए भी योगदान देंगे। आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार होगा जब विद्यार्थी नौकरी ढूँढ़ने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनेंगे।
स्वदेशी जागरण के उत्तर क्षेत्र सहसंयोजक सतेन्द्र सौरोत ने अपने संबोधन में स्वदेशी स्वावलंबी भारत अभियान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अमेरिका जैसे देश अपने उद्योगों को बचाने के लिए टैरिफ बढ़ाते हैं। हमें भी अपने कर्तव्यों को समझते हुए स्वदेशी वस्तुओं का अधिक उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर घर से एक युवा उद्यमी बने, तभी आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होगा।
कार्यक्रम का समापन प्रो. प्रदीप कुमार डिमरी, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने अतिथियों, आयोजकों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया तथा युवाओं से उद्यमिता को जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।

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