हरियाणा में लिंगानुपात पिछले साल के मुकाबले घटा है। साल 2024 में जहां लिंगानुपात 907 था, जो अब गिरकर 905 रह गया है। यानी 1000 लड़कों के जन्म के पीछे 905 लड़कियां ही पैदा हो रही हैं। लिंगानुपात को सुधारने के लिए ही प्रदेश सरकार ने गर्भवतियों का रजिस्ट्रेशन जरूरी किया था। अब प्रदेश में 20 हजार से अधिक ऐसी गर्भवती आइडेंटिफाई की हैं,
जिनके पास संतान के तौर पर लड़का नहीं है। ऐसी महिलाओं पर विभाग विशेष नजर रख रहा है।
नेशनल हेल्थ मिशन ने अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने के लिए एक नई स्ट्रेटजी अपनाई है। जिसके तहत प्रदेश में उन गर्भवती की लिस्ट तैयार की गई है, जिनको अब तक किसी लड़के संतान की प्राप्ति नहीं हुई है, क्योंकि बिना लड़के वाली गर्भवती और उसके परिजनों की लड़के की चाह में अवैध गर्भपात के लिए प्राइवेट अस्पतालों का रुख करने की संभावना ज्यादा रहती है।
इसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण और अर्बन नोटिफाइड स्लम एरिया में रहने वाली बिना लड़के संतान वाली 20 हजार से ज्यादा गर्भवती और परिवार की पहचान की है। इन पर आशा और आंगनबाड़ी वर्कर नजर रखेंगी।
प्रदेश के नेशनल हेल्थ मिशन से प्राप्त डेटा के अनुसार बिना लड़के या केवल लड़की संतान वाली गर्भवतियों की संख्या सबसे ज्यादा जींद जिले में है। हिसार व रोहतक में भी विशेष निगरानी रखी जाएगी।

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