गांव अनंगपुर में आज दोबारा से पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इस पंचायत में कई यूनियन के बड़े नेता शामिल हो रहे है। लोगो की मांग है की सरकार उनको ठोस सबूत दे,तभी वो धरना खत्म करेगें।
अनंगपुर संघर्ष समिति ने बताया कि अनंगपुर गांव में हुई तोड़-फोड़ के बाद ग्रामीणों का धरना जारी है। कांग्रेस नेता विजय प्रताप ने कहा कि सीएम नायब सैनी के आश्वासन के बाद सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति) ने गांव का दौरा किया था। इस दौरान सीईसी के सदस्य ने लोगों को अपनी जमीनों के दस्तावेज पेश करने की बात कही थी। जिस पर लोगों ने भी दस्तावेज दिखाने पर सहमति जताई थी।
लोगों का कहना है कि कुछ समय बाद सीईसी के सदस्य अधिकारियों के साथ गांव में पहुंचे थे व जिन घरों को तोड़ा गया है, उनका मलबा हटाने के निर्देश दे रहे थे। इसके बाद गांव के लोगों ने मिलकर उन घरों के बाहर की धरना देने का निर्णय लिया है। लोगों ने कहा कि जब तक उनको सरकार से कोई ठोस सबूत नहीं मिल जाता है कि उनके घरों को नहीं तोड़ा जाएगा। तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
गांव अनंगपुर मे कई मकानों पर की गई कार्रवाई को लेकर गांव के लोगों ने 13 जुलाई को एक महापंचायत की थी, जिसमें सरकार को 30 दिन का समय देकर कानून में संशोधन करने और तुरंत प्रभाव से अध्यादेश लाने की मांग रखी थी।
इसके अलावा लोगों ने मांग की थी कि सरकार उन मकानों का मुआवजा राशि दे, जो वन विभाग की टीम ने तोड़ दिए है। गांव की 4500 एकड़ के रकबे में से 2000 एकड़ वन विभाग अपने हिस्से में ले और 500 एकड़ जमीन गांव के इस्तेमाल के लिए छोड़ी जाए।
अभी तक अरावली पर्वत श्रृंखला में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वन विभाग और नगर निगम मिलकर अब तक 200 छोटे- बड़े निर्माण को गिरा चुका है। वन विभाग ने नगर निगम फरीदाबाद की टीमों के साथ मिलकर यह कार्रवाई की है। लेकिन गांव अनंगपुर में भारी विरोध के बीच तोड़-फोड़ को रोकना पड़ गया।
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