HEADLINES


More

ईंट भट्टों में धान की पराली आधारित बायोमास पेलेट का उपयोग अनिवार्य

Posted by : pramod goyal on : Thursday, 3 July 2025 0 comments
pramod goyal
//# Adsense Code Here #//

 हरियाणा के गैर एनसीआर जिलों में स्थित ईंट भट्टों में धान की पराली आधारित बायोमास पेलेट के उपयोग को अनिवार्य कर दिया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इस बाबत आदेश जारी किए हैं। जिसके बाद आज खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने सभी जिलों को पत्र जारी किया है।

एनसीआर क्षेत्र के जिलों में बायोमास ईंधन के प्रयोग का नियम पहले से ही लागू है। इसके साथ ही पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए अब हरियाणा के सभी जिलों में स्थित ईंट भट्टों पर धान की पराली आधारित बायोमास पेलेट के उपयोग अनिवार्य हो गया है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेश नागर ने बताया कि हरियाणा के गैर-एनसीआर क्षेत्रों सभी ईंट भट्टों में धान की पराली आधारित बायोमास पेलेट के 50% सम्मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें न्यूनतम उपयोग का लक्ष्य तय कर दिया गया है।

1 नवंबर 2025 से कम से कम 20% सम्मिश्रण, 1 नवंबर 2026 से कम से कम 30%, 1 नवंबर 2027 से कम से कम 40% सम्मिश्रण और 1 नवंबर 2028 से कम से कम 50% सम्मिश्रण का उपयोग किया जाएगा।


मंत्री राजेश नागर ने कहा कि इस क्रम में हरियाणा के सभी गैर-एनसीआर जिलों अंबाला, फतेहाबाद, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, सिरसा एवं यमुनानगर को पत्र के माध्यम से त्वरित अनुपालन हेतु निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ‘बायोमास पेलेट’ एक प्रकार से ठोस ईंधन हैं। लकड़ी, कृषि अवशेषों और अन्य चीजों को छोटे और बेलनाकार छर्रों का रूप दिया जाता है।

No comments :

Leave a Reply