HEADLINES


More

भारत में कॉलेज नामांकन 10 वर्षों में होगा दोगुना: एआईसीटीई अध्यक्ष प्रो. टी. जी. सीतारम न

Posted by : pramod goyal on : Sunday, 27 July 2025 0 comments
pramod goyal
//# Adsense Code Here #//


 फरीदाबाद, 27 जुलाई 2025: मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (MRIIRS) ने अपने दीक्षारंभ 2025 ओरिएंटेशन प्रोग्राम के अंतर्गत एक विशेष सत्र का आयोजन किया, जिसमें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के अध्यक्ष प्रो. (डॉ


.) टी. जी. सीतारम ने नवागंतुक विद्यार्थियों को संबोधित किया। यह ओरिएंटेशन कार्यक्रम भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और विकसित भारत की परिकल्पना के अनुरूप मूल्य-आधारित और भविष्योन्मुखी शिक्षा की नींव रखने हेतु आयोजित किया गया।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रोसीतारम ने भारत में उच्च शिक्षा की दिशा और विकास पर महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने कहास्वतंत्रता के समय भारत में उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio - GER) मात्र 1% था। आज यह बढ़कर 29% तक पहुंच चुका हैजिसमें 4.5 करोड़ से अधिक विद्यार्थी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नामांकित हैं। अगले 10 वर्षों में यह आंकड़ा 9 करोड़ तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि यह विस्तार केवल आकार में नहींबल्कि शिक्षा तक पहुंचसंरचनात्मक सहजता और उद्देश्य की स्पष्टता में भी एक बड़े बदलाव को दर्शाता है।

प्रोसीतारम ने एआईसीटीई और शिक्षा मंत्रालय की प्रमुख पहलों की जानकारी भी दीजिनमें अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और एक विशेष एपीएआर आईडी शामिल हैजो बालवाटिका से पीएचडी तक प्रत्येक विद्यार्थी को प्रदान की जाएगी। उन्होंने बतायानेशनल इंटर्नशिप पोर्टल पर 75,000 से अधिक कंपनियां उपलब्ध हैंजिसमें 2 करोड़ से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं। इसके अलावा NEAT जैसे प्लेटफॉर्म्स पर 480 से अधिक स्किल कोर्सेस उपलब्ध हैं। उन्होंने एआईसीटीई करियर पोर्टल का भी उल्लेख कियाजो विद्यार्थियों को 7 लाख से अधिक नियोक्ताओं से जोड़ता है। साथ ही उन्होंने छात्रों को प्रोडक्टाइजेशन फेलोशिप का लाभ उठाने के लिए प्रेरित कियाजिसके अंतर्गत एक वर्ष तक ₹37,000 से ₹40,000 प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाती हैजिससे विद्यार्थी अपने उत्पादों को विकसित और लॉन्च कर सकें।

इस वर्ष के ओरिएंटेशन में शैक्षणिक सत्र 2025–26 के लिए आरंभ किए गए अनेक नवाचारपूर्ण कोर्सेस और वैश्विक साझेदारियों को भी प्रस्तुत किया गया। इनमें बी.टेक (ऑनर्सइन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विद स्पेशलाइज़ेशन इन सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और डिफेंस टेक्नोलॉजीबी.कॉम (ऑनर्सइन फिनटेक इन कोलैबोरेशन विद डेलॉइट और ज़ेल एजुकेशनतथा एमबीए इन बिज़नेस इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स विद एसएएस जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। विश्वविद्यालय ने एम../एम.फिल इन क्लिनिकल साइकोलॉजी और पर्ड्यू यूनिवर्सिटी नॉर्थवेस्टक्वीन मैरी यूनिवर्सिटी लंदनकेज बिजनेस स्कूल (फ्रांसऔर एचटीएमआई स्विट्ज़रलैंड जैसे संस्थानों के साथ अंतरराष्ट्रीय डुअल-डिग्री  पाथवे कार्यक्रम भी आरंभ किए हैं।

डॉप्रशांत भल्लाअध्यक्षएमआरईआई ने कहायह विद्यार्थियों के लिए उनके शैक्षणिक जीवन की एक निर्णायक शुरुआत है। मानव रचना में हमारा उद्देश्य उन्हें मजबूत शैक्षणिक आधार देने के साथ-साथ उन्हें परिवर्तन के दौर को आत्मविश्वास से अपनाने का दृष्टिकोण भी प्रदान करना है।

डॉअमित भल्लाउपाध्यक्षएमआरईआई ने कहा"हम इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि विद्यार्थी सिर्फ अकादमिक रूप से नहींबल्कि जीवन के हर क्षेत्र के लिए तैयार हों। हमारी शैक्षणिक सोच में ज्ञाननवाचारमूल्यों और जीवन-कौशल का समावेश हैजो विद्यार्थियों को भविष्य के लिए सक्षम बनाता है।"

डॉसंजय श्रीवास्तवकुलपतिएमआरआईआईआरएस ने कहाहम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की दृष्टि के साथ पूर्ण रूप से समन्वित हैं और अपनी सभी शैक्षणिक धाराओं में उत्कृष्टता के लिए प्रयासरत हैं। हमारे प्रयास उच्च प्रत्यायनवैश्विक सहयोग और विद्यार्थियों को आज के समय के अनुरूप कौशल  मूल्य प्रदान करने पर केंद्रित हैं।

प्रोसीतारम ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे पारंपरिक पढ़ाई की सीमाओं से आगे बढ़कर शिक्षा को एक परिवर्तनकारी अनुभव के रूप में अपनाएं। उन्होंने कहाआप अगले चार वर्षों में कक्षा के बाहर जो कुछ भी सीखते हैंवही आपकी सफलता को परिभाषित करेगा। दीक्षारंभ केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं हैयह ज्ञाननवाचार और राष्ट्रनिर्माण की कालातीत यात्रा की आत्मिक शुरुआत है। उन्होंने यह भी कहा कि आज के बदलते दौर में केवल डिग्री नहींबल्कि कौशलमूल्य और अनुकूलन क्षमता ही भविष्य की पहचान बनती जा रही है।

 

No comments :

Leave a Reply