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हरियाणा में सक्रिय भारत की तीन वामपंथी पार्टियाँ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले)-लिबरेशन,अमेरिकी साम्राज्यवाद और इज़राइली ज़ायोनवाद द्वारा ईरान पर किए जा
रहे युद्धोन्मादी हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी जिला सचिव कामरेड आर् एन सिंह, बेचू गिरी और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल और जिला कमेटी सदस्य कामरेड शिवप्रसाद ने बताया कि
अमेरिका व इज़राइल ने पिछले कुछ वर्षों से मध्य एशिया और खाड़ी क्षेत्र में स्थायित्व को कमजोर करने और स्वतंत्र राष्ट्रों पर सैन्य और आर्थिक प्रभुत्व थोपने की रणनीति अपनाई है।
अब वे ईरान के खिलाफ सीधा युद्ध छेड़ने की तैयारी में हैं। जिससे पूरा क्षेत्र में युद्ध किया जा सकता है।
ईरान की जनता, सरकार और उसकी संप्रभुता के पक्ष में खड़ा होना आज हर प्रगतिशील, लोकतांत्रिक और शांति-प्रिय व्यक्ति का कर्तव्य है।
हम इस बात को भी जोरदार तरीके से दोहराते हैं। कि अमेरिका-इज़राइल का यह हमला अवैध, अन्यायपूर्ण और युद्ध अपराध की श्रेणी में आता है।यह हमला केवल ईरान पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर एक हमला है।
भारत सरकार की चुप्पी शर्मनाक है। और यह देश की विदेश नीति की आत्मनिर्भरता पर प्रश्नचिन्ह है।हम मांग करते हैं। कि:
भारत सरकार अमेरिका-इज़राइल के हमले की स्पष्ट शब्दों में निंदा करे।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इस युद्ध को तुरंत रोकने के लिए हस्तक्षेप करें।
भारत की जनता और प्रगतिशील ताकतें ईरान के पक्ष में जनमत तैयार करें और अमेरिकी साम्राज्यवाद के खिलाफ आवाज़ बुलंद करें। वामपंथी दल हरियाणा में इस मसले पर जन संवाद, विरोध प्रदर्शन, और अभियान चलाएंगे, ताकि भारत की जनता सच्चाई से वाक़िफ हो और इस खतरनाक युद्ध की राजनीति का विरोध कर सके।ईरान व फिलिस्तीन के साथ एकजुटता प्रकट करते हैं। हरियाणा की जनता, सरकार और उसकी संप्रभुता के पक्ष में खड़ा होना आज हर प्रगतिशील, लोकतांत्रिक और शांति-प्रिय व्यक्ति का कर्तव्य है।
हम इस बात को भी जोरदार तरीके से दोहराते हैं कि अमेरिका-इज़राइल का यह हमला अवैध, अन्यायपूर्ण और युद्ध अपराध की श्रेणी में आता है।यह हमला केवल ईरान पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर एक हमला है।
भारत सरकार की चुप्पी शर्मनाक है। और यह देश की विदेश नीति की आत्मनिर्भरता पर प्रश्नचिन्ह है।हम मांग करते हैं। कि:
भारत सरकार अमेरिका-इज़राइल के हमले की स्पष्ट शब्दों में निंदा करे।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इस युद्ध को तुरंत रोकने के लिए हस्तक्षेप करें।
भारत की जनता और प्रगतिशील ताकतें ईरान के पक्ष में जनमत तैयार करें और अमेरिकी साम्राज्यवाद के खिलाफ आवाज़ बुलंद करें। वामपंथी दल फरीदाबाद में इस मसले पर जन संवाद, विरोध प्रदर्शन, और अभियान चलाएंगे, ताकि भारत की जनता सच्चाई से वाक़िफ हो और इस खतरनाक युद्ध की राजनीति का विरोध कर सके।
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