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हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु गुणवत्ता (AQI) में सुधार के मकसद से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल का प्रबंधन करने को रोडमैप पेश किया है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई सोमवार को रिव्यू मीटिंग में विस्तृत रणनीति बनाने और इसकी समय-सीमा भी तय की गई।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशानुसार इस रोडमैप के तहत 1 नवंबर 2025 से गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत जिलों के फ्यूल स्टेशन एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) वाहनों को ईंधन की आपूर्ति नहीं करेंगे।
1 अप्रैल 2026 से यह रोक एनसीआर के शेष जिलों में भी लागू हो जाएगी। इसे लागू करने के लिए, सभी फ्यूल स्टेशनों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे पहले चरण वाले जिलों में 31 अक्टूबर 2025 तक और शेष एनसीआर में 31 मार्च 2026 तक लगाए जाएंगे।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड फरीदाबाद, गुरुग्राम, रेवाड़ी, झज्जर जिलों में 10 परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित करेगा। इसके लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने निविदा प्रक्रिया शुरू की है।
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