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सीपीआई और सीपीएम की संयुक्त बैठक में एअर इंडिया के जहाज के ‌दुर्घटनाग्रस्त होने से मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई

Posted by : pramod goyal on : Friday, 13 June 2025 0 comments
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 फरीदाबाद - 

13जून, सीपीआई और सीपीएम की संयुक्त बैठक एन आई टी फरीदाबाद में ‌सीपीआई के  कार्यालय में संपन्न हुई।इस  बैठक में  कल गुजरात के अहमदाबाद एअरपोर्ट पर एअर इंडिया के जहाज  के ‌ दुर्घटनाग्रस्त होने से  मारे गए तमाम लोगों के प्रति 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।अध्यक्षता सीपीआई के नेता ‌ विशंभर सिंह ने की। इसका संचालन सीपीए

म के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किया। इस मीटिंग  में सीपीआई के ‌ सेक्रेटरी कामरेड आर एन सिंह, सीपीएम  के  ‌ जिला कमेटी सदस्य कामरेड शिव प्रसाद, ‌ कामरेड निरंतर पाराशर  और सीपीआई  की ओर से मिथलेश  कुमार ने भाग  लिया। इस बैठक में
17 जून को ‌ वामपंथी पार्टियों के आह्वान पर फरीदाबाद में  फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिवस के  रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। मीटिंग में  इजरायल  ‌के द्वारा फिलिस्तीनियों  की निर्मम हत्या  करने की कड़े शब्दों में निंदा की गई। मीटिंग में बताया कि अब  तक इज़राइल की लगातार बमबारी और सैन्य  हमलों  से 55,000 से अधिक फिलिस्तीनियों को मार डाला है। जिनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। इन हमलों में आवश्यक बुनियादी ढांचे, अस्पतालों, स्कूलों और शरणार्थी आश्रयों को जानबूझकर लक्ष्य बनाया गया है। इन हमलों ने गाजा के लोगों को ‌ बर्बाद कर दिया  है। इस्राइल लगातार ‌ आम जनता को गोली का निशाना बनाकर मार रहा है। इसके  साथ-साथ अमानवीय रूख अपनाते हुए  गाजा की ‌ जनता की विभिन्न  ‌ देशों की ‌ ओर से मिलने वाली सहायता  को भी रोक रहा  है । वामपंथी पार्टियां हाल ही में अंतरराष्ट्रीय समुद्री इलाके में फ्रीडम फ्लोटिला गाजा के लिए मानवीय सहायता वाले जहाज मैडलीन पर इजरायल के हमले की भी निंदा करती हैं। हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि वे सभी हिरासत में लिए गए अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवकों की रिहाई की मांग करें, गाजा को मानवीय सहायता सुनिश्चित करें और अमानवीय घेराबंदी को समाप्त करने के लिए तुरन्त आह्वान करें।
संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय द्वारा प्रस्तावों सहित वैश्विक आक्रोश बढ़ने के बावजूद, नेतन्याहू सरकार ने संयुक्त राज्य अमेरिका और इसके कुछ सहयोगियों द्वारा समर्थित अपने क्रूर अभियान को  निर्लज्जतापूर्वक जारी रखा है। रफाह पर हालिया हमले, पहले से ही विस्थापित सैकड़ों हजारों फिलिस्तीनियों को दोबारा विस्थापित करना अंतर्राष्ट्रीय कानून, मानवाधिकार और बुनियादी मानवता के प्रति इजरायली सरकार की घोर अवहेलना को दर्शाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुद्र से मानवीय सहायता जहाज का अपहरण नवीनतम उदाहरण है। जिसके खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
यह अत्यंत खेदजनक है। कि भारत सरकार ने अपनी ऐतिहासिक प्रतिबद्धता फिलिस्तीन के साथ दृढ़ता से खड़े होने के विपरीत इजरायल की आक्रामकता के प्रति तुष्टिकरण का रुख अपनाया है। यह भारत की लंबे समय से चली आ रही विदेश नीति से एक शर्मनाक विचलन को दर्शाता है। हम
 इजरायल सरकार द्वारा किए गए नरसंहार और युद्ध अपराधों की निंदा करते हैं।
- फिलिस्तीन के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करें, जो राष्ट्रवाद, गरिमा और स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष कर रहे हैं।
- यह मांग करें कि भारत सरकार फिलिस्तीन के लिए हमारे ऐतिहासिक समर्थन के अनुरूप एक सिद्धांतनिष्ठ रुख अपनाए  और तुरंत इज़राइल के साथ सभी सैन्य और सुरक्षा सहयोग समाप्त करे।

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