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फरीदाबाद ,8 जून।
केन्द्र एवं राज्य सरकार की
मजदूर एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदेश के लाखों कर्मचारी व मजदूर 9 जुलाई को हड़ताल करेंगे। यह जानकारी देते हुए अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि इस राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान भारतीय मजदूर संघ (बीएसएस) को छोड़कर देश की अन्य सभी 10 केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और केन्द्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारी संघों की सैकड़ों फेडरेशन ने संयुक्त रूप से किया है। हरियाणा में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व हरियाणा कर्मचारी महासंघ सहित सभी प्रमुख कर्मचारी संगठनों के अलावा मजदूर संगठन सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) इंटक, एटक, एचएमएस व एआईयूटीयूसी से जुड़े लाखों की तादाद में कर्मचारी और मजदूर शामिल होंगे। यह हड़ताल 29 श्रम कानूनों को खत्म कर बनाए गए मजदूर विरोधी चार लेबर कोड्स को वापस लेने, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक, ठेका कर्मियों व स्कीम वर्करों को नियमित करने, पुरानी पेंशन बहाली,26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन और रिक्त पदों को भर बेरोजगारों को रोजगार देने,निर्माण श्रमिकों सहित मजदूरों के लिए बने विभिन्न बोर्डो को मजबूत कर सभी सुविधाएं देना और मनरेगा में 200 दिन काम ओर ₹800 मजदूरी तय करने आदि मुद्दों को लेकर की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 29 श्रम कानूनों को खत्म कर बनाए गए चार लेबर कोड्स मजदूरों की गुलामी का दस्तावेज है, जिसके खिलाफ 9 जुलाई को देश के करोड़ों मजदूर और कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे और सरकार को माकूल जवाब देंगे।
मजदूर एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदेश के लाखों कर्मचारी व मजदूर 9 जुलाई को हड़ताल करेंगे। यह जानकारी देते हुए अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि इस राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान भारतीय मजदूर संघ (बीएसएस) को छोड़कर देश की अन्य सभी 10 केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और केन्द्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारी संघों की सैकड़ों फेडरेशन ने संयुक्त रूप से किया है। हरियाणा में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व हरियाणा कर्मचारी महासंघ सहित सभी प्रमुख कर्मचारी संगठनों के अलावा मजदूर संगठन सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) इंटक, एटक, एचएमएस व एआईयूटीयूसी से जुड़े लाखों की तादाद में कर्मचारी और मजदूर शामिल होंगे। यह हड़ताल 29 श्रम कानूनों को खत्म कर बनाए गए मजदूर विरोधी चार लेबर कोड्स को वापस लेने, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक, ठेका कर्मियों व स्कीम वर्करों को नियमित करने, पुरानी पेंशन बहाली,26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन और रिक्त पदों को भर बेरोजगारों को रोजगार देने,निर्माण श्रमिकों सहित मजदूरों के लिए बने विभिन्न बोर्डो को मजबूत कर सभी सुविधाएं देना और मनरेगा में 200 दिन काम ओर ₹800 मजदूरी तय करने आदि मुद्दों को लेकर की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 29 श्रम कानूनों को खत्म कर बनाए गए चार लेबर कोड्स मजदूरों की गुलामी का दस्तावेज है, जिसके खिलाफ 9 जुलाई को देश के करोड़ों मजदूर और कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे और सरकार को माकूल जवाब देंगे।
हिंद मजदूर सभा हरियाणा के प्रधान एसडी त्यागी ने बताया कि 9 जुलाई की हड़ताल ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व होगी। राज्य में इसकी व्यापक तैयारियां शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में आमजन और मजदूरों के असली मुद्दों की बजाय मेहनतकशों की एकता तोड़ने की नीतियों लागू की जा रही है। महंगाई और बेरोज़गारी चरम पर है। लेकिन सरकार इसको गंभीरता से नहीं ले रही है। जिससे संकट बढ़ता जा रहा है। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) के महासचिव जय भगवान ने कहा कि पिछले दस सालों में मजदूरों के न्यूनतम वेतन रिवाइज नही किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 9 जुलाई की हड़ताल के प्रमुख मुद्दों में 26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन, ठेका व स्कीम वर्करों को नियमित करने, निजीकरण पर रोक, पुरानी पेंशन बहाली आदि शामिल हैं। इंटक के राज्य प्रधान अमित यादव,एटक के राज्य प्रधान अनिल पवार व एआईयूटीयूसी के सचिव हरि प्रकाश ने बताया कि
हड़ताल को राज्य में सफल बनाने के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सभी मजदूर और कर्मचारी संगठन संयुक्त और स्वतंत्र रूप से अभियान चलाए हुए हैं। इसके अलावा सरकार की मजदूर व जन विरोधी नीतियों के आम जनता और मजदूरों पर पड़ने वाले प्रभावों की जानकारी देने के लिए जन सभाओं का भी आयोजन किया जाएगा।
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