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फरीदाबाद - चारों श्रम संहिताओं को रद्द करने ,भाजपा की मजदूर- कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ, आगामी 9 जुलाई को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल ऐतिहासिक होगी। यह निर्णय आज फरीदाबाद में जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल की एचएमएस ऑफिस नीलम पुल के नीचे संपन्न हुई मीटिंग में लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता एचएमएस के नेता आर डी यादव ने की। जबकि कार्रवाई का संचालन कन्वीनर वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किया। इस बैठक में एटक के आर एन सिंह, विशंभर सिंह, एच एम एस के नेता
राजपाल डांगी, तृप्ति शर्मा, सीटू के नेता निरंतर पराशर, शिव प्रसाद, बैंक यूनियन के कृपाराम शर्मा, एआईसीटीयू के जवाहर लाल, सर्व कर्मचारी संघ के करतार सिंह जागलान और इंटक के नेता हुकुम चंद बैनीवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। कन्वीनर ने बताया कि 9 जुलाई की हड़ताल को सफल बनाने के लिए आगामी 28 जून को रोहतक में राज्य स्तर की कन्वेंशन में सभी घटकों के साथी भाग लेंगे। इसके बाद 3 जुलाई को औद्योगिक मजदूरों की कन्वेंशन गुड़गांव में होगी उसमें भी फरीदाबाद के श्रमिक बड़ी संख्या में भाग लेंगे। इस हड़ताल की तैयारी के लिए 2 जुलाई को जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल फरीदाबाद के सभी साथी अलग-अलग कारखानों जैसे गुड़ ईयर, टीकम शाह, वर्लपूल, मैराथन, स्टड , थॉमसन, बार एसोसिएशन के साथियों, व्यापार मंडल के साथियों, से बातचीत करने के लिए जाएंगे। इसके अलावा 3 जुलाई को पोस्ट ऑफिस, बैंक, बीमा, एलआईसी, रेलवे, इनकम टैक्स ,सेंट्रल ग्राउंड वाटर कार्यालय, आदि के श्रमिकों और कर्मचारियों को हड़ताल में भाग लेने के लिए अपील करने जाएंगे। इसके अलावा 7 जुलाई को थ्री व्हीलर में लाउडस्पीकर लगाकर सेक्टर 24 सेक्टर, 25 सेक्टर ,58 सेक्टर, 6 और सेक्टर 4 के कारखानें के श्रमिकों के बीच में जॉइंट ट्रेड यूनियन के साथी जाएंगे। इसके बाद 8 जुलाई को आईएमटी औद्योगिक क्षेत्र, डीएलएफ औद्योगिक क्षेत्र, ओल्ड फरीदाबाद के कारखानें में प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसके बाद 9 जुलाई को हड़ताल के दिन सभी कारखानों और सभी विभागों के कर्मचारी बीके नगर निगम चौक पर एकत्रित होकर के बहुत बड़ा जन सैलाब नीलम चौक से होकर अजरोंदा,हाईवे की और मार्च करेंगे। कन्वीनर ने बताया कि भाजपा सरकार ने 5 वर्ष पहले देश के पूंजीपतियों और कारखाने के मालिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए श्रम कानून में संशोधन करके चार लेबर कोडस बना दिए। अब इनको लागू करने का प्रयास हो रहा है। स्थाई रोजगार समाप्त हो गया है। ठेका प्रथा बढ़ाई जा रही है। सभी विभागों का निजीकरण किया जा रहा है। न्यूनतम वेतन में संशोधन नहीं किया गया। सभी संगठनों ने हरियाणा में न्यूनतम वेतन 26000 रुपया संशोधित करने की मांग की है। लेकिन भाजपा की सरकार श्रमिकों और कर्मचारियों की मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय हड़ताल में देश के किसान मजदूर बड़ी संख्या में रेहडी पटरी, छोटे-छोटे दुकानदार भी भाग लेंगे।
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